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This Article is From Apr 08, 2021

Kumbh 2021: कुंभ मेले पर कोरोना का असर, मुख्य स्नान के पर्वों पर ज्यादा भीड़ की संभावना नहीं: अधिकारी

Haridwar Kumbh 2021: कोविड-19 के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि और उससे बचाव के लिए लागू प्रतिबंधों के मद्देनजर अधिकारी इस बार गंगा तट पर हो रहे कुंभ के मुख्य स्नान पर्वों पर ज्यादा भीड़ जुटने की उम्मीद नहीं कर रहे हैं.

Kumbh 2021: कुंभ मेले पर कोरोना का असर, मुख्य स्नान के पर्वों पर ज्यादा भीड़ की संभावना नहीं: अधिकारी
Kumbh 2021: कोरोना के चलते कुंभ में मुख्य स्नान के पर्वों पर ज्यादा भीड़ की संभावना नहीं है.

Haridwar Kumbh 2021: कोविड-19 के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि और उससे बचाव के लिए लागू प्रतिबंधों के मद्देनजर अधिकारी इस बार गंगा तट पर हो रहे कुंभ के मुख्य स्नान पर्वों पर ज्यादा भीड़ जुटने की उम्मीद नहीं कर रहे हैं. कोविड महामारी के कारण सीमित अवधि के महाकुंभ के दौरान 12 अप्रैल, 14 अप्रैल और 27 अप्रैल को तीन शाही स्नान पड़ रहे हैं, जिनमें अधिकारियों को ज्यादा भीड़ आने की उम्मीद नहीं लग रही है. हालांकि, उनका कहना है कि किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं कर ली गयी हैं.

महाकुंभ मेले के पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने कहा, ‘‘पुलिस व्यवस्था का एटलस तो अधिकतम भीड़ के लिए ही तैयार किया जाता है. इसलिए हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. हालांकि, कोरोना संक्रमण के दोबारा तेजी से बढ़ने तथा उससे बचाव के लिए लागू दिशा-निर्देशों के कारण हमें बड़े स्नान पर्वों पर ज्यादा भीड़ आने की उम्मीद नहीं है.''

हरिद्वार से लेकर देवप्रयाग तक 670 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में फैले महाकुंभ क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर नजर रखने के लिए 12000 पुलिस और 400 अर्धसैनिक बल तैनात हैं, जो कानून और व्यवस्था के साथ ही कोविड प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करवाएंगे.

हर 12 साल में एक बार होने वाला यह धार्मिक आयोजन सामान्यत: जनवरी से लेकर अप्रैल तक चलता है, लेकिन इस बार कोविड के चलते इसे एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक केवल एक माह के लिए सीमित कर दिया गया है.

उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से कोरोना वायरस संक्रमण के लगभग 500 मामले सामने आ रहे हैं, जबकि मंगलवार को 791 नए मरीजों में महामारी की पुष्टि हुई.

कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए पूरे कुंभ आयोजन में 30 जगहों पर कोविड के लिए आरटी-पीसीआर जांच की जा रही है.

महाकुंभ मेले के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अर्जुन सेंगर ने बताया कि मेले में 12 प्रयोगशालाएं लगातार नमूनों की जांच कर रही हैं, जबकि 550 बिस्तरों वाला कोविड अस्पताल भी तैयार है.

उन्होंने बताया कि सभी 13 अखाड़ों के महामण्डलेश्वरों तथा महंतों से आग्रह किया जा रहा कि वे अपने अनुयायियों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जांच कराने, मास्क पहनने, दो गज की शारीरिक दूरी रखने तथा नियमित रूप से हाथ धोने को प्रेरित करें.

इस बीच गढ़वाल मंडल के आयुक्त रविनाथ रमन ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन कराना ही इससे बचाव का सार्थक विकल्प है.

उन्होंने कहा कि इस संबंध में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश का भी कड़ाई से पालन कराया जा रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले की निगेटिव कोविड रिपोर्ट लाना अनिवार्य है. हरिद्वार और पूरे महाकुंभ मेला क्षेत्र में मंगलवार तक रोजाना 35 हजार आरटी पीसीआर जांच हुई जबकि अब इसे 50 हजार से ज्यादा करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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