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This Article is From Aug 29, 2023

Onam 2023 Date: जानिए कितने दिनों का होता है ओणम का त्योहार, दक्षिण भारत में होती है खास धूम

Onam festival : दक्षिण भारत में दस दिनों तक चलने वाले महापर्व ओणम की शुरुआत हो चुकी है. यहां जानिए ओणम क्यों मनाया जाता है और इस दौरान क्या होता है.

Onam 2023 Date: जानिए कितने दिनों का होता है ओणम का त्योहार, दक्षिण भारत में होती है खास धूम
केरल में इस त्यौहार की खास तौर पर बहुत धूम मचती है.

Onam Festival : यूं तो भारत त्योहारों का देश कहा जाता है और यहां हर दिन ही कोई ना कोई त्यौहार (festival) मनाया जाता है. लेकिन दक्षिण भारत के मुख्य त्योहारों की बात करें तो दस दिन तक चलने वाले ओणम (Onam)का त्योहार यहां काफी धूमधाम से मनाया जाता है. आपको बता दें कि ये पर्व महाराजा बलि और वामन अवतार लेने वाले भगवान विष्णु के स्वागत के तौर पर मनाया जाता है. इस साल यानी 2023 में ओणम पर्व 20 अगस्त से शुरू होकर 31 अगस्त तक मनाया जाएगा. ओणम पर्व की आधिकारिक तिथियां मलयालम कैलेंडर पर आधारित होती हैं. केरल में इस त्यौहार की खास तौर पर बहुत धूम मचती है.

क्या है ओणम की मान्यता (what is onam significance)


दक्षिण भारत में ये पर्व महाराजा बलि के धरती पर स्वागत के लिए मनाया जाता है. भगवान विष्णु  ने वामन अवतार लेकर महाराजा  बलि से दान में तीन पग जमीन मांगी थी. राजा बलि सच्चे ह्रदय के स्वामी होने के साथ साथ बहुत बड़े दानी थे. उन्होंने तीन पग जमीन लेने की हामी भर दी. तब वामन अवतार लेकर राजा बलि की परीक्षा ले रहे भगवान विष्णु ने विशाल स्वरूप अपनाया और एक पग में धरती और दूसरे पग में आसमान नाप लिया. तीसरे पग के लिए जब कुछ बचा ही नहीं तो अपना प्रण रखने के लिए राजा बलि ने अपनी छाती आगे कर दी. इस तरह उनके रहने के लिए जब जगह नहीं बची तो भगवान विष्णु ने उनको पाताल लोक में भेज दिया. इसके बाद राजा बलि हर साल सावन माह के श्रवण नक्षत्र में अपनी प्रजा की सुध लेने धरती पर आते हैं. इस दस दिनों के दौरान दक्षिण भारत में घर सजाए जाते हैं, बाजारों में खूब रौनक रहती है और पूजा पाठ के साथ साथ लोग उत्सव मनाते हैं.

दस दिन तक चलता है ओणम  (onam festival is ten days long)


ओणम का पर्व दस दिन तक चलता है. पहले औऱ आखिरी दिन को थीरुओणम कहा जाता है. इन दस दिनों के दौरान केरल और आस पास के राज्यों में जबरदस्त आय़ोजन होते हैं. कथकली का डांस, सर्प नौका दौड़ जैसे खेल खेले जाते हैं और कई तरह के मेले लगते हैं. इन दिनों पुरुष फूल लाते हैं औऱ महिलाएं इन फूलों से घर सजाती हैं और मुख्य द्वार पर रंगोली बनाती हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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