
Astrologer tips : हिन्दू धर्म में कुल देवी-देवता की पूजा करने का परंपरा है. जब भी कोई मांगलिक कार्य होता है तो घर के बड़े बुजुर्ग कुल के देवी-देवता की पूजा करते है और उसी स्थान पर ईंट से जोड़कर चूल्हा तैयार करते हैं प्रसाद बनाते हैं. फिर देवी-देवता को अर्पित करते हैं. लेकिन आधुनिक युग में लोग अपने जड़ों से दूर होते जा रहे हैं. कुल के देवी देवता की पूजा करना तो दूर उनके नाम क्या हैं, ये तक लोगों के याद नहीं है. ऐसे में आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से आखिर कुल के देवी देवता कौन होते हैं और इन्हें न पूजने से जीवन पर क्या असर पड़ता है ..
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कौन होते हैं कुल के देवी-देवता
डॉ. अरविंद मिश्र बताते हैं कि हिंदू धर्म में हर परिवार की अपनी कुलदेवी या देवता होते हैं. जिनकी पूजा सदियों से उनकी पीढ़ी करती आ रही है. ये संरक्षक के रूप में पूजे जाते हैं. जिस प्रकार देवताओं में गणेश जी को प्रथम पूज्य का स्थान प्राप्त है. उसी प्रकार पूजा में कुलदेवी देवता का महत्व है. गणेश जी के बाद कुलदेवी देवता का पूजन करना चाहिए और फिर अन्य देवी देवताओं का, तभी पूजा फलित होती है.
अरविंद शास्त्री आगे बताते हैं कि कुलदेवी परिवार या वंश की देवी होती हैं. कुलदेवता यानी परिवार के ईश्वर या देवता जिनको कुलदेव कहते हैं.
किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले और सुख, शांति, समृद्धि के लिए कुलदेवी की पूजा की जाती है. कुलदेवी की पूजा से परिवार में एकता सामंजस्य बढ़ता है. कुलदेवी या देवता किसी भी परिवार या गोत्र के लिए महत्वपूर्ण होते हैं.
आपको बता दें कि यह देवी और देवता परिवार के पूर्वजों से संबंधित होते हैं. जिनकी कृपा से परिवार को सुख समृद्धि प्राप्त होती है. कुलदेवी या देवता के नाम परिवार के इतिहास, क्षेत्र और परंपराओं के अनुसार भिन्न होते हैं. कुलदेवी या देवता के नाम की विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने परिवार के बुजुर्गों या ब्राह्मण से संपर्क कर सकते हैं.
परिवार में विवाह हो, मुंडन हो, नामकरण हो गृह प्रवेश हो, कोई भी शुभ कार्य हो तीर्थ यात्रा करने जा रहे हैं, देवी दर्शन को जा रहे हैं, तो अपनी कुलदेवी की पूजा करके ही आपको जाना चाहिए.
कुलदेवी की पहचान परिवार के सदस्य या पूर्वज जिस स्थान पर रहते थे, उस स्थान के देवी देवता के रूप में भी हो सकती है. देवी एवं देवता भी आपकी कुलदेवी देवता हो सकते हैं. कुलदेवी की पूजा से परिवार में सुख एवं सुख शांति बनी रहती है.
कुल के देवी-देवता की पूजा न करने से क्या होता है
इनकी पूजा न की जाए और इनको न मनाया जाए तो घर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं शुरू हो जाती हैं. व्यापार में नुकसान होता है, रोग, दुर्घटना, अग्निकांड जैसे घटनाएं परिवार में घटित हो सकती हैं.
अगर हम अपने कुलदेवी अथवा देवता को न पूजें और उनको छोड़ कर किसी अन्य देवता की पूजा करें तो भगवान भी प्रसन्न नहीं होते हैं. इसलिए अगर आपने अपने देवी-देवता को पूजना छोड़ दिया है तो यहां बताई गई बातों को एकबार जरूर ध्यान में रखें.
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