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भाई या बहन के न होने पर कैसे मनाएं रक्षाबंधन, जानें कौन किसकी कलाई में बांध सकता है रक्षासूत्र

Raksha Bandhan 2025: भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधने वाला रक्षाबंधन पर्व कब मनाया जाएगा? जिस घर में भाई न हो तो बहनें किसे बांधे राखी? बहन के न होने पर भाई किससे बंधवा सकता है राखी? इन सभी सवालों के शास्त्र सम्मत जवाब जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

भाई या बहन के न होने पर कैसे मनाएं रक्षाबंधन, जानें कौन किसकी कलाई में बांध सकता है रक्षासूत्र
रक्षाबंधन कब है और क्या हैं राखी बांधने के शास्त्रीय नियम?

Raksha Bandhan 2025 date, time and muhurat: सनातन परंपरा में श्रावण मास की पूर्णिमा का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है क्योंकि इसी दिन भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक माना जाने वाला रक्षाबंधन पर्व पड़ता है. इस पावन पर्व पर बहनों के द्वारा भाई की कलाई पर रक्षा पोटली, रक्षा सूत्र या फिर कहें राखी बांधने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है, लेकिन कई बार इस पर्व को लेकर असमंजस की स्थिति बन जाती है. मसलन, रक्षा बंधन की सही तारीख क्या है? यदि किसी कन्या कोई भाई नहीं है तो वो किसे राखी बांधे और यदि किसी बालक की कोई बहन नहीं है तो वो किससे राखी बंधवाए? आइए इससे जुड़े शास्त्र सम्मत जवाब जानते हैं. 

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कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन 

स्वामी इंदुभवानंद तीर्थ महाराज के अनुसार इस साल श्रावण शुक्ल चतुर्दशी, शुक्रवार यानि दिनांक 08 अगस्त 2025 को पूर्णिमा तिथि 20 घटी 34 पल अर्थात् दोपहर 01:42 बजे प्रारंभ हो जाएगी और दूसरे दिन 09 अगस्त 2025, शनिवार को 19 घटी 47 पल यानि दोपहर 01:24 बजे तक रहेगी. इसी तरह श्रवण नक्षत्र भी दिनांक 08 अगस्त 2025, शुक्रवार को 24 घटी 07 पल अर्थात् दोपहर 03:07 बजे से प्रारंभ होकर दूसरे दिन 09 अगस्त 2025, शनिवार को 25 घटी 03 पल अर्थात् दिन में 03:30 मिनट तक रहेगा. ऐसे में इस बार यह उत्तम संयोग बन रहा है कि श्रावण मास की पूर्णिमा और श्रवण नक्षत्र दोनों साथ पड़ेंगे. इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व भद्रा से मुक्त है. 

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जब भाई न हो तो किसे बांधे राखी 

  • स्वामी इंदुभवानंद तीर्थ महाराज के अनुसार रक्षाबंधन पर्व का सीधा संदेश है कि जिसके प्रति रक्षा की भावना हो आप उसे राखी बांध सकती हैं. शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति रक्षित होगा, वह हमारी भी रक्षा करेगा. हालांकि रक्षाबंधन के पर्व के दिन बहन के द्वारा अपने भाई के हाथ में रक्षा पोटली बांधने की परंपरा रही है. इसमें एक पोटली में अक्षत, रोली, स्वर्ण आदि बांधकर भाई की कलाई में बांधा जाता रहा है.  
  • यदि आपके परिवार में कोई भी भाई नहीं है तो आपको भगवान श्रीकृष्ण को राखी बांधनी चाहिए. सनातन परंपरा में भी पहली राखी अपने आराध्य देवता को अर्पित करने का विधान बताया गया है. ऐसे में आप यदि आप पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ बांके बिहारी या फिर अपने घर में रखे हुए लड्डू गोपाल को राखी बांध सकते हैं. ऐसा करने पर पूरे साल वे आपकी रक्षा करते हुए सुख-सौभाग्य प्रदान करेंगे. 
  • ईश्वर के अलावा आप आप अपने गुरु या फिर किसी टीचर को भी राखी बांध सकते हैं क्योंकि गुरु आपके जीवन का अंधकार दूर करते हुए सही मार्ग दिखाता है. 
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  • यदि आपका कोई भाई नहीं है तो आप रक्षाबंधन के दिन किसी भी सेना के जवान को राखी बांधकर उससे अपनी और राष्ट्र की रक्षा का वचन ले सकती हैं. गौरतलब है कि एक भाई जहां जीवन भर अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है तो वहीं एक सैनिक पूरे देश और समाज की रक्षा का वचन निभाता है. 
  • रक्षाबंधन के दिन आप आस्था और जीवन से जुड़े पवित्र-पौधों को राखी बांध कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. यदि आपका कोई भाई नहीं है तो आप इस दिन पीपल, वट, शमी, तुलसी, बेल, केला आदि के पेड़ पर राखी बांध कर सुख-सौभाग्य की कामना कर सकती हैं. 

जब बहन न हो तो किससे बंधवाएं राखी 

जिन लोगों की कोई बहन नहीं होती है, उनके लिए भी रक्षासूत्र बांधने का उपाय शास्त्रों में बताया गया है. यदि आपकी कोई बहन नहीं है तो आप अपने गुरु अथवा किसी मंदिर के पुजारी से 'ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः. तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल' मंत्र का उच्चारण करते हुए रक्षासूत्र बंधवा सकते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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