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This Article is From Jun 18, 2018

कैलाश मानसरोवर यात्रा: खराब मौसम के चलते बदला गया रास्‍ता, श्रद्धालुओं को हेलिकॉप्‍टर से गूंजी ले जाया गया

कैलाश मानसरोवर (Kailash-Mansarovar) गए यात्रियों को खराब मौसम की आशंका और मुश्किल ट्रैक से बचाने के लिए गूंजी ले जाया गया है.

कैलाश मानसरोवर यात्रा: खराब मौसम के चलते बदला गया रास्‍ता, श्रद्धालुओं को हेलिकॉप्‍टर से गूंजी ले जाया गया
कैलाश मानसरोवर की यात्रा अत्‍यंत कठिन है
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
कैलाश मानसरोवर के यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया है
ऐसा खराब मौसम की आशंका के चलते किया गया
यात्रियों को हेलिकॉप्‍टर से गूंजी ले जाया गया है
नई द‍िल्‍ली: कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash-Mansarovar Yatra) के दूसरे जत्थे में शामिल 57 तीर्थयात्रियों को सोमवार सुबह भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टरों की मदद से नैनी सैनी हवाईपट्टी से गूंजी आधार शिविर ले जाया गया. ऐसा खराब मौसम की आशंका और मुश्किल ट्रैक से बचने के लिए किया गया. 

कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सिक्किम से पहला जत्था रवाना 

पिथौरागढ़ के जिला मेजिस्ट्रेट सी रविशंकर ने बताया कि भारतीय वायुसेना के चार हेलिकॉप्टर सोमवार सुबह करीब सात बजे 57 श्रद्धालुओं को लेकर गूंजी पहुंचे.

उन्होंने बताया कि वैसे तो लखनपुर से गूंजी के बीच का ट्रैकिंग का मार्ग ठीक है लेकिन खराब मौसम की आशंका से श्रद्धालुओं को हवाई मार्ग से ले जाया गया. इससे उनका कुछ वक्त भी बच गया जिसका इस्तेमाल वह नाभी और ऊंचाई पर स्थित अन्य गांवों में होमस्टे की सुविधा का आनंद उठाने के लिए कर सकेंगे.

अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था रविवार शाम अल्मोड़ा के रास्ते यात्रा की नोडल एजेंसी पिथौरागढ़ टूरिस्ट रेस्ट सेंटर ऑफ कुमाऊं मंडल विकास निगम तक पहुंचा. 

गौरतलब है कि लखनपुर से गूंजी के बीच के 18 किलोमीटर के ट्रैक की सीधी चढ़ाई होने से यह मुश्किल है. धारचुला के एसडीएम आरके पांडे ने बताया कि इस वक्त ऊंचाई पर स्थित स्थानों पर भूस्खलन का जोखिम रहता ही है.
 

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