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This Article is From Dec 27, 2022

Hanuman Ji: हनुमान जी की अष्ट सिद्धियां किसी रहस्य से नहीं हैं कम, जानें इसके बारे में

Hanuman ji Ashta siddhi: हनुमान जी ही ऐसे देवता है जिन्हें आठ दिव्य सिद्धियां (शक्तियां) और नौ निधियां प्राप्त हैं. आइए जानते हैं कि हनुमान जी की आठ सिद्धियां कौन-कौन हैं.

Hanuman Ji: हनुमान जी की अष्ट सिद्धियां किसी रहस्य से नहीं हैं कम, जानें इसके बारे में
Hanuman Ji: हनुमानजी को अष्ट सिद्धि और नौ निधि प्राप्त करने का वरदान मिला था.

Hanuman ji Ashta siddhi: हनुमान चालीसा में एक स्थान पर  'अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता' इस चौपाई का जिक्र किया गया है. इस चौपाई में इल बात को बताया गया है कि हनुमान जी ही एक ऐसे देवता हैं जिन्हें आठ सिद्धियां और नौ निधियां प्राप्त करने का वरदान प्राप्त था. पौराणिक मान्यता है कि हनुमानजी को माता जानकी ने 8 सिद्धियां और 9 निधियां प्राप्त करने का वरदान दिया था. जिसके बाद हनुमानजी इन शक्तियों को प्राप्त कर सके. धार्मिक मान्यता है कि जो कोई मंगलवार को हनुमान जी की सच्चे मन से आराधना करता है, वह इन शक्तियों को सिद्ध कर सकता है. इनकी बदौलत मनुष्य संसार की हर चीज को हासिल कर सकता है. बजरंगबली की कृपा से उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं. आइए जानते हैं कौन सी हैं अष्ट सिद्धियां जिससे हनुमान जी सर्वशक्तिशाली बने.

हनुमानजी की अष्ट सिद्धियां 

अणिमा-अणिमा अर्थात अपने शरीर को अणु से भी छोटा करना. इस सिद्धि की बदौलत हनुमान जी सूक्ष्म रूप धारण कर कहीं भी विचरण कर सकते थे. अपने इसी छोटे रूप के बल पर हनुमान जी ने लंका का निरीक्षण किया था

महिमा - महिमा, अणिमा के विपरीत है. इस सिद्धि के बल पर विशाल रूप धारण किया जा सकता है. हनुमान जी ने एक बार समुद्र पार करते वक्त सुरसा नामक राक्षसी के सामने और दुसरी बार अशोका वाटिका में माता सीता जी के सामने महिमा सिद्धि का उपयोग किया था.

गरिमा- गरीमा सिद्धि से शरीर को असीमित रूप से भारी बनाया जा सकता है. भीम का घमंड तोड़ने के लिए हनुमान जी ने इस सिद्धि का प्रयोग किया था, इस शक्ति से भीम हनुमान जी की पूंछ को टस से मस नहीं कर पाए थे.

लघिमा- इस सिद्धि से हनुमानजी स्वयं का भार बिल्कुल हल्का कर लेते थे जैसे रूई का फाला हो. लघिमा और अणिमा का उपयोग कर हनुमान जी ने अशोक वाटिका में पत्तों पर बैठकर माता सीता को अपना परिचय दिया था.

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प्राप्ति- इस सिद्धि के दम पर वह हर चीज प्राप्त की जा सकती है जिसकी आपको इच्छा है. बेजुबान पक्षियों की भाषा समझना, आने वाले वक्त को देख लेना में ये सिद्धि सहायक है.

प्राकाम्य- इस सिद्धि के बल से पृथ्वी से पाताल तक की गहराईयों को नापा जा सकता है. आसमान की ऊंचाईयों पर उड़ सकते हैं. मनचाहे वक्त तक पानी में जीवित रह सकते हैं. इसे प्राप्त करने वाले किसी भी देह को धारण कर सकते हैं. चिरकाल तक युवा रह सकते हैं.

ईशीत्व - इस सिद्धि की मदद से हनुमानजी को दैवीय शक्तियां मिली थी. इसे पाने वाला ईश्वर समान पूजनीय माना जाता है.

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वशित्व - अपने नाम स्वरूप इस सिद्धि से किसी को भी वश में किया जा सकता है. इससे पशु, पक्षी, मनुष्य आदि सभी को वश में कर अपने मन मुताबिक कार्य करवाए जा सकते हैं. इस सिद्धि के प्रभाव से हनुमानजी इंद्रियों और मन पर नियंत्रण रखते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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