Hanuman Jayanti 2021 Shubh Muhurat: आज हनुमान जयंती है. हनुमान जयंती चैत्र मास के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को मनाई जाती है. हनुमान जी के जन्मोत्सव को देश भर में हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है. हिन्दू धर्म में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान को संकट मोचक माना गया है. मान्यता है कि श्री हनुमान ने शिव के 11वें अवतार के रूप में माता अंजना की कोख से जन्म लिया था. हिन्दू मान्यताओं में श्री हनुमान को परम बलशाली और मंगलकारी माना गया है. मान्यता है कि श्री हनुमान का नाम लेते ही सारे संकट दूर हो जाते हैं और भक्त को किसी बात का भय नहीं सताता है. यह भी मान्यता है कि हनुमान जयंती के दिन अगर तन-मन-धन से श्री हनुमान की पूजा अर्चना की जाए तो वह बेहद प्रसन्न होते हैं. हर साल हनुमान जयंती के मौके पर मंदिरों में भक्तों की भीड़ जुटती है. लेकिन इस बार कोरोनावायरस की वजह से लोग घर पर रहकर ही पूजा करेंगे.
शुभ मुहूर्त-
चैत्र पूर्णिमा – मंगलवार, 27 अप्रैल 2021
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – 26 अप्रैल 2021 को दोपहर 12:44 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त – 27 अप्रैल 2021 को रात 09:01 तक
हनुमान जयंती का महत्व
भक्तों के लिए हनुमान जयंती का खास महत्व है. संकटमोचन हनुमान को प्रसन्न करने के लिए भक्त पूरे दिन व्रत रखते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. मान्यता है कि इस दिन पांच या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से पवन पुत्र हनुमान प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. इस मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ का आयोजन होता है. घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन होते हैं. हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सिंदूर चढ़ाया जाता है और सुंदर कांड का पाठ करने का भी प्रावधान है. शाम की आरती के बाद भक्तों में प्रसाद वितरित करते हुए सभी के लिए मंगल कामना की जाती है.
हनुमान जयंती पर इस विधि से करें पूजा
- हनुमान जयंती के दिन सुबह-सवेरे उठकर सीता-राम और हनुमान जी को याद करें.
- स्नान करने के बाद ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें.
- इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूर्व दिशा में हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित करें. मान्यता है कि हनुमान जी मूर्ति खड़ी अवस्था में होनी चाहिए.
- पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें: 'ॐ श्री हनुमंते नम:'.
- इस दिन हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं.
- हनुमान जी को पान का बीड़ा चढ़ाएं.
- मंगल कामना करते हुए इमरती का भोग लगाना भी शुभ माना जाता है.
- हनुमान जयंती के दिन रामचरितमानस के सुंदर कांड और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए.
- आरती के बाद गुड़-चने का प्रसाद बांटें.
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