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Sadhguru ने बताया कैसे उड़ पाए हनुमान, समझाया क्या था बजरंगबली के जीवन का सबसे बड़ा पहलू

Hanuman Jayanti 2025: आज हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर सद्गुरू ने बताया बजरंगबली के उड़ने का राज. कहा इस एक पहलू ने बदलकर रख दी थी हनुमान जी की जिंदगी. 

Sadhguru ने बताया कैसे उड़ पाए हनुमान, समझाया क्या था बजरंगबली के जीवन का सबसे बड़ा पहलू
How Did Hanuman Fly: सद्गुरु ने बताया किस तरह उड़ सके हनुमान. 

Hanuman Janmotsav 2025: सद्गुरु जग्गी वासुदेव आध्यात्मिक गुरु और विचारक हैं. सद्गुरु की गिनती उन संतों में होती है जिनके अनुयायी देश-विदेशों तक हैं. सद्गुरु (Sadhguru) अक्सर ही सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से जुड़ते रहते हैं. आज हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर सद्गुरु ने एक्स पर वीडियो शेयर कर बताया है कि हनुमान के जीवन का वो कौनसा पहलू था जिसने उन्हें उड़ने में मदद की. पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर हनुमान जी का जन्म हुआ था. ऐसे में आइए जानते हैं सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru Jaggi Vasudev)  का बजरंगबली के जीवन को लेकर क्या कहना है. 

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किस तरह उड़ सके हनुमान | How Did Hanuman Fly 

सद्गुरु जग्गी वासुदेव के अनुसार, हनुमान (Hanuman) का सबसे महत्वपूर्ण पहलू उनकी अटूट भक्ति (Devotion) है, जिसके माध्यम से वे एक अभूतपूर्व शक्ति बन गए. हनुमान का जीवन हमें याद दिलाता है कि अगर कोई व्यक्ति जीवन में कुछ भी महत्वपूर्ण करना चाहता है तो उसे पूरी तरह समर्पित होना चाहिए. 

सद्गुरु ने कहा कि हनुमान एक ऐसे भक्त थे जिनकी भक्ति एक पल के लिए भी हिली नहीं और सदा अडिग रही. इससे वे एक अभूतपूर्व शक्ति बने. ऐसी कई कथाएं हैं जिनमें बताया जाता है कि किस तरह श्री राम का जाप करते-करते जो कुछ उनके साथ हुआ उससे पता चलता है कि भक्ति आपके लिए क्या कर सकती है. सद्गुरू कहते हैं के वे बहुत बार पहले भी इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि इस दुनिया में कोई भी बिना लगन के कुछ भी नहीं कर पाया है. आप जिंदगी जीने के लिए केवल पर्याप्त मात्रा में कुछ कर सकते हैं, लेकिन अगर आप कुछ अद्भुत और अभूतपूर्व करना चाहते हैं तो आपको उस काम के प्रति समर्पित होना होगा, निष्ठा रखनी होगी, नहीं तो वो काम कभी नहीं होगा. 

सद्गुरु आगे बताते हैं कि, अगर कोई भक्त होगा तो उसे चलने की जरूरत नहीं है, वह उड़ने लगता है और यही हनुमान ने किया, वे उड़ने लगे. वे जिस चीज के लिए भक्तिभाव रखते थे, समर्पित थे वे उससे भी कई तरह से बड़े हो गए. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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