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गुरु प्रदोष व्रत पर सिर्फ इतने मिनट ही हो सकती है भगवान शिव की पूजा, जानें सही समय और विशेष योग

हर महीने पड़ने वाली प्रदोष तिथि बहुत खास होती है, लेकिन इस बार आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि गुरु प्रदोष होने वाली है, ये कब मनाई जाएगी इसका शुभ मुहूर्त क्या है आइए हम आपको बताते हैं.

गुरु प्रदोष व्रत पर सिर्फ इतने मिनट ही हो सकती है भगवान शिव की पूजा, जानें सही समय और विशेष योग
Pradosh Vrat : भगवान शिव की पूजा का मुहूर्त क्या है आइए हम आपको बताते हैं.

Guru Pradosh Vrat 2024: वैसे तो हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है, जो भगवान शिव (Lord Shiva) और मां पार्वती (Maa Parvati) को समर्पित होता है. कहते हैं प्रदोष (pradosh) का व्रत करने से जातकों के सभी कष्ट दूर होते हैं और भगवान शिव उन्हें मनचाहा वरदान देते हैं, ऐसे में जुलाई के महीने में जो प्रदोष व्रत पड़ेगा वो और खास होने वाला है, क्योंकि इस बार ये गुरु प्रदोष व्रत होने वाले हैं. दरअसल, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि इस बार गुरुवार को पड़ रही है, ऐसे में ये प्रदोष व्रत गुरु प्रदोष कहा जा रहा है. इस दिन आपको क्या करना चाहिए, भगवान शिव की पूजा का मुहूर्त क्या है आइए हम आपको बताते हैं.

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कब मनाया जाएगा गुरु प्रदोष व्रत

ज्योतिषों के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि इस बार 18 जुलाई को रात 8:44 पर शुरू होगी, जो कि 19 जुलाई को शाम 7:41 पर खत्म होगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, 18 जुलाई को ही गुरु प्रदोष का व्रत किया जाएगा, क्योंकि इस बार प्रदोष का व्रत गुरुवार को मनाया जाएगा, इसलिए इसे गुरु प्रदोष कहा जा रहा है. गुरु प्रदोष पर भगवान भोलेनाथ की पूजा करने के लिए केवल 39 मिनट का समय ही शुभ है, आप रात को 8:44 से लेकर 9:23 तक भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर सकते हैं.

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गुरु प्रदोष पर बना रहे ये खास योग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 18 जुलाई को गुरु प्रदोष का दिन बहुत खास होने वाला है, क्योंकि इस दिन ब्रह्म योग और ज्येष्ठ नक्षत्र है. ब्रह्म योग 19 जुलाई को सुबह 4:45 तक रहेगा और ज्येष्ठ नक्षत्र 18 जुलाई प्रातः काल से लेकर 19 जुलाई को देर रात 3:25 तक रहेगा. ऐसे में इस नक्षत्र में कोई भी शुभ काम करना बहुत फलदायी माना जाता है. गुरु प्रदोष के दिन रवि योग भी बन रहा है, जो 19 जुलाई को सुबह 3:25 से लेकर सुबह 5:35 तक रहेगा और रवि योग में स्नान दान करने का विशेष महत्व होता है.

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