
Ekadashi Mata Ki Aarti: हिंदू मान्यता के अनुसार प्रत्येक महीने के कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को बेहद शुभ माना गया है. यह पावन तिथि जगत के पालनहार माने जाने वाले भगवान विष्णु और एकादशी माता को समर्पित है, जिनकी विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से व्यक्ति के सभी दुख दूर और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस एकादशी व्रत का धार्मिक महत्व तब और बढ़ जाता है जब यह कार्तिक मास के कृष्णपक्ष में पड़ती है. इस एकादशी को हिंदू धर्म में रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है. गौरतलब है कि धन की देवी मां लक्ष्मी को रमा नाम से भी पूजा जाता है. ऐसे में रमा एकादशी का व्रत न सिर्फ भगवान श्री विष्णु बल्कि लक्ष्मी माता की कृपा बरसाने वाला माना गया है.
कौन हैं एकादशी माता
एकादशी का व्रत एकादशी माता की पूजा के लिए भी समर्पित है, जिनका प्राकट्य भगवान विष्णु के शरीर से माना जाता है. मान्यता है कि एक बार भगवान विष्णु जब योग निद्रा में थे तब 'मुर' नाम के राक्षस ने श्रीहरि पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन तभी भगवान विष्णु के शरीर से एकादशी माता का प्राकट्य हुआ और उन्होंने मुर राक्षस का वध करके श्री हरि और अन्य देवताओं की रक्षा की. मान्यता है कि उसी समय भगवान विष्णु ने एकादशी माता को वर दिया कि जो कोई भी आपकी तिथि पर व्रत और उपवास करेगा, उसके सभी पाप दूर और कामनाएं पूरी होंगी. वह सभी सुखों को भोगता हुआ एक दिन वैकुंठ लोक को प्राप्त करेगा. आइए एकादशी माता की कृपा बरसाने वाली एकादशी आरती का गान करते हैं.
एकादशी माता की आरती | Ekadashi Mata Ki Aarti
ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता .
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता.
ॐ जय एकादशी…
तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी.
गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी.
ॐ जय एकादशी…
मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी.
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई.
ॐ जय एकादशी…
पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है.
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै.
ॐ जय एकादशी…
नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै.
शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै.
ॐ जय एकादशी…
विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी.
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की.
ॐ जय एकादशी…
चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली.
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली.
ॐ जय एकादशी…
शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी.
नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी.
ॐ जय एकादशी…
योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी.
देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी.
ॐ जय एकादशी…
कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए.
श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए.
ॐ जय एकादशी…
अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला.
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला.
ॐ जय एकादशी…
पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी.
रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी.
ॐ जय एकादशी…
देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया.
पावन मास में करूं विनती पार करो नैया.
ॐ जय एकादशी…
परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी.
शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी.
ॐ जय एकादशी…
जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै.
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै.
ॐ जय एकादशी…
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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