विज्ञापन

Diwali 2025: सुख-सौभाग्य को पाने और दुख-दारिद्रय को भगाने के लिए दिवाली की रात कब और किसकी करें साधना?

Diwali 2025: कार्तिक मास की अमावस्या यानि दिवाली के दिन हर व्यक्ति अपनी आस्था और विश्वास के साथ गणेश-लक्ष्मी की पूजा करते अपने आराध्य की कृपा को पाना चाहता है ताकि पूरे साल उसके घर में धन-धान्य की कमी न रहे. यदि आपकी भी यही कामना है तो दिवाली की रात की जाने वाली विशेष पूजा और साधना का उपाय जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

Diwali 2025: सुख-सौभाग्य को पाने और दुख-दारिद्रय को भगाने के लिए दिवाली की रात कब और किसकी करें साधना?
Diwali 2025: दिवाली की रात की जाने वाली साधना की विधि और नियम
NDTV

Diwali 2025 Puja Remedies: हिंदू धर्म में सुख-समृद्धि और धन-धान्य की प्राप्ति के लिए कार्तिक मास की अमावस्या यानि दीपावली का दिन सबसे ज्यादा शुभ और फलदायी माना गया है. मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करने से वे शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपने साधक पर कृपा बरसाते हैं. दीपों के महापर्व यानि दीपावली को तंत्र और मंत्र की सिद्धि की रात्रि भी कहा जाता है, लेकिन यह पावन रात्रि सिर्फ मंत्र और पूजा नहीं, बल्कि ग्रह तत्त्वों के अनुसार दिशा, धातु, रंग और दीप से साधना की जाए - तो फल दस गुना तीव्र हो जाता है. आइए जानी-मानी ज्योतिषाचार्य डॉ. नीति शर्मा के माध्यम से दिवाली की रात की जाने वाले ज्योतिष के महाउपाय के बारे में विस्तार से जानते हैं.

1. धन प्राप्ति उपाय (लक्ष्मी सिद्धि साधना)

• ग्रह तत्त्व: शुक्र

• दिशा: उत्तर-पूर्व (ईशान कोण)

• रंग: गुलाबी या चांदी

• धातु: चांदी

• दीप तत्व: गाय के घी का दीपक

• विधि:

श्री यंत्र के समक्ष चांदी के दीपक में गाय के घी से दीप जलाएं.

“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” का 108 बार जाप करें.

कमल पुष्प, चांदी का सिक्का व केसर अर्पित करें.

• फल: स्थायी धन, तिजोरी सिद्धि, और दरिद्रता निवारण.

2. व्यापार वृद्धि साधना (कुबेर पूजन)

• ग्रह तत्त्व: बुध व कुबेर

• दिशा: उत्तर दिशा

• रंग: पीला या हरा

• धातु: पीतल

• दीप तत्व: सरसों के तेल का दीपक

• विधि:

पीतल के कलश में चावल, जल, सुपारी, नारियल रखें.

11 दीपक उत्तर दिशा में जलाएं.

“ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये नमः” का जाप करें.

• फल: व्यापार विस्तार, ग्राहक वृद्धि, रुका धन वापस.

3. संतान प्राप्ति साधना (लक्ष्मी-नारायण पूजन)

• ग्रह तत्त्व: गुरु

• दिशा: उत्तर-पूर्व

• रंग: पीला या केसरिया

• धातु: कांसा

• दीप तत्व: गाय के घी का दीपक

• विधि:

लक्ष्मी-नारायण के समक्ष केसर, चावल, तुलसी पत्र से पूजन करें.

“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का 108 बार जाप करें.

• फल: संतान सुख, गर्भ योग और पारिवारिक प्रसन्नता.

4. विवाह योग सुदृढ़ साधना (राधा-कृष्ण उपासना)

• ग्रह तत्त्व: शुक्र व चंद्र

• दिशा: पूर्व दिशा

• रंग: गुलाबी या सफेद

• धातु: चांदी या कांसा

• दीप तत्व: चमेली या गुलाब के तेल का दीपक

• विधि:

राधा-कृष्ण की प्रतिमा स्थापित करें.

“ॐ क्लीं कृष्णाय गोविंदाय नमः” का 108 बार जाप करें.

गुलाब पुष्प अर्पित करें.

• फल: विवाह में रुकावट समाप्त, प्रेम व आकर्षण बढ़ता है.

5. शत्रु नाश साधना (महाकाली पूजन)

• ग्रह तत्त्व: मंगल

• दिशा: दक्षिण दिशा

• रंग: लाल

• धातु: तांबा

• दीप तत्व: सरसों के तेल का दीपक

• विधि:

मध्यरात्रि में दक्षिणमुख होकर “ॐ ह्रीं ह्रूं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” का जाप करें.

लाल पुष्प, सिंदूर, लौंग अर्पित करें.

• फल: शत्रु, तंत्र और ईर्ष्या जनित बाधाओं का नाश.

6. तंत्र बाधा से मुक्ति साधना (कालरात्रि उपासना)

• ग्रह तत्त्व: राहु

• दिशा: दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण)

• रंग: काला या गाढ़ा नीला

• धातु: लोहा

• दीप तत्व: सरसों के तेल का दीपक

• विधि:

“ॐ नमः कालरात्र्यै नमः” का 21 बार जाप करें.

काली हकीक या लौंग हवन कुंड में अर्पित करें.

• फल: जादू-टोना, नजर दोष, तांत्रिक प्रभाव समाप्त.

7. तंत्र से रक्षा व ऊर्जा कवच साधना (भैरव पूजन)

• ग्रह तत्त्व: शनि

• दिशा: दक्षिण-पश्चिम

• रंग: नीला या काला

• धातु: लोहा

• दीप तत्व: सरसों के तेल का दीपक

• विधि:

“ॐ ह्रौं भैरवाय नमः” का 108 बार जाप करें.

भैरव जी को काले तिल और तेल का दीप अर्पित करें.

• फल: तंत्र, दुष्प्रभाव और भय से सुरक्षा कवच निर्मित होता है.

8. आरोग्य प्राप्ति साधना (रुद्र उपासना)

• ग्रह तत्त्व: सूर्य व चंद्र

• दिशा: पूर्व या उत्तर-पूर्व

• रंग: सफेद

• धातु: चांदी

• दीप तत्व: घी का दीपक

• विधि:

“ॐ नमो भगवते रुद्राय” का 108 बार जाप करें.

चांदी के पात्र में जल रखकर पूजन करें और प्रातः पिएं.

• फल: रोग नाश, दीर्घायु और मनोबल वृद्धि.

9. सौंदर्य एवं आकर्षण योग साधना (ललिता उपासना)

• ग्रह तत्त्व: शुक्र

• दिशा: पूर्व या उत्तर

• रंग: गुलाबी

• धातु: चांदी

• दीप तत्व: केसरयुक्त घी का दीपक

• विधि:

“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सौंदर्यलक्ष्म्यै नमः” का 108 बार जाप करें.

केसर, गुलाब पुष्प और इत्र अर्पित करें.

• फल: व्यक्तित्व में दिव्यता, सौंदर्य और आकर्षण का तेज.

10. लीगल बाधाओं से मुक्ति (शनि-भैरव साधना)

• ग्रह तत्त्व: शनि

• दिशा: दक्षिण-पश्चिम

• रंग: नीला

• धातु: लोहा या स्टील

• दीप तत्व: तिल के तेल का दीपक

• विधि:

“ॐ शनैश्चराय नमः” और “ॐ ह्रौं भैरवाय नमः” का संयुक्त जाप करें.

काले तिल अर्पित करें और “सत्यं धर्मं न्यायं विजयाय” संकल्प लें.

• फल: कानूनी अड़चनें, कोर्ट केस और सरकारी बाधाएं शांत

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com