
Jai Ganesh Jai Ganesh Jai Ganesh Deva Aarti Lyrics: हिंदू धर्म में किसी भी कार्य अथवा किसी भी देवता की पूजा करने से पहले भगवान श्री गणेश की विशेष रूप से प्रार्थना की जाती है ताकि वह कार्य अथवा पूजा बगैर किसी बाधा के मनचाहे तरीके से संपन्न हो और उसका शुभ फल हमें मिले. यही कारण है कि हमारे यहां किसी भी चीज की शुरुआत को ही श्री गणेश करना कहा जाता है. भगवान श्री गणेश जी की पूजा आप पूरे साल में कभी भी कर सकते हैं लेकिन कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी के साथ उनकी पूजा विशेष फलदायी मानी गई है.
हिंदू मान्यता के अनुसार अमावस्या पर धन की देवी मां लक्ष्मी और उनके पुत्र समान गणपति की पूजा करने पर साधक के जीवन में शुभ और लाभ दोनों ही बना रहता है, लेकिन ध्यान रहे कि दिवाली आप आपकी गणपति पूजा तब तक अधूरी है, जब तक कि आप उनकी श्रद्धा और विश्वास के साथ आरती नहीं करते हैं. आइए गणपति को मनाने के लिए उनके गुणों का गान करने वाली आरती गाते हैं.
श्री गणेश जी आरती | Ganesh Ji Ki Aarti
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा.
जय गणेश...
दयावंत चार भुजा धारी.
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी.
जय गणेश...
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया.
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया.
जय गणेश...
हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा.
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा.
जय गणेश...
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी.
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश...
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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