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This Article is From Oct 22, 2022

Dhanteras 2022: धनतेरस के दिन पूजा के समय 'धन्वंतरि स्तोत्र' पढ़ना माना जाता है बेहद शुभ, कुबेर देव धन कमी करते हैं दूर

Dhanteras 2022: धनतेरस पर धन्वंतरि देव की पूजा खास मानी जाती है. इस बार धनतेरस 23 अक्टूबर को है. इस दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करना शुभ होता है.

Dhanteras 2022: धनतेरस के दिन पूजा के समय 'धन्वंतरि स्तोत्र' पढ़ना माना जाता है बेहद शुभ, कुबेर देव धन कमी करते हैं दूर
Dhanteras 2022: धनतेरस पर जरूर करें यह एक काम.

Dhanteras 2022, dhanvantari stotram: दिवाली को लेकर घर-घर में तैयारियां शुरू हो गई है. दिवाली (Diwali 2022) से ठीक एक दिन पहले यानी 23 अक्टूबर, रविवार को धनतेरस (Dhanteras 2022 Date) पड़ रहा है. धनतेरस का दिन मुख्य रूप से खरीदारी के लिए प्रसिद्ध है. इस दिन लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार, सोना-चांदी, आभूषण और बर्तन खरीदते हैं. इसके साथ ही धनतेरस के दिन धन्वंतरि देवता की पूजा होती है. पौराणिक मान्यता है कि समुद्र मंथन के पश्चात् धन्वंतरि देव (dhanvantari dev) अमृत का कलश (Amrit Kalash) लेकर देवताओं के समक्ष प्रकट हुए थे. यही वजह है कि धनतेरस यानी धन्वंतरि जयंती (dhanvantari jayanti 2022) के दिन इनकी पूजा की जाती है. माना जाता है कि धनतेरस के दिन इनकी पूजा करने के धन का अभाव नहीं रहता है. आइए जानते हैं कि धनतेरस (Dhnateras Upay) पर धन्वंतरि देव की कृपा पाने के लिए क्या करना अच्छा रहेगा.

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धन्वंतरि स्तोत्र | Dhanvantari Stotram

ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः

सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम

कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम

वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः

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कैसे करें धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ | How to Recite Dhanvantari Stotram 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, धनतेरस के दिन धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotram) का पाठ करना अत्यंत शुभ होता है. ऐसा करने से जीवन में धन की कमी से जूझना नहीं पड़ता है. ऐसे में धनतेरस (Dhanteras) के दिन इस स्तोत्र का पाठ करने के लिए शाम के समय उत्तर दिशा में एक चौकी लगा लें. इसके बाद उस चौकी पर कुबेर देवता (Kuber Dev) की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें. साथ ही साथ कुबेर देवता और मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) की प्रतिमा भी स्थापित करें. इसके बाद कुबेर देव को सफेद मिठाई और धन्वंतरि देव को पीली मिठाई का भोग लगाएं. इसके साथ ही भगवान गणेश को मोदक और मां लक्ष्मी को खीर का भोग अर्पित करें. इसके बाद उनकी पूजा और आरती करें. इसके बाद धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करें. अंत में सभी देवी-देवतओं को प्रणाम करके सुख-समृद्धि और सौभाग्य की कामना करें.

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धन्वंतरि स्तोत्र के लाभ | dhanvantari stotram benefits

ज्योतिष शास्त्र के जानकार पं. धनंजय पांडेय के अनुसार, धनतेरस पर धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotram) का पाठ करना अत्यंत शुभ और कल्याणकारी होता है. इस दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करने से धन्वंतरि देव प्रसन्न होते हैं. उनके साथ-साथ मां लक्ष्मी और कुबेर देव भी प्रसन्न होते हैं. जिसके परिणामस्वरूप साल भर तक धन-दौलत की कमी नहीं होती है. धनतेरस के दिन धन्वंतरि देव उत्पन्न हुए थे. ऐसे मे जो कोई इस दिन प्रदोष काल में धन्वंतरि देवता की स्तुति करता है, उसके सारे आर्थिक संकट दूर हो जाते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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