
भाई दूज 2017: इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं.
- भैया दूज दीपावली के अगले दिन या दूसरे दिन मनाया जाता है.
- इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं.
- यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है.
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भाई-बहन के परस्पर प्रेम और स्नेह का प्रतीक त्यौहार भैया दूज दीपावली के अगले दिन या दूसरे दिन मनाया जाता है. पूरे देश में मनाए जाने वाले इस त्योहार के दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनके उज्ज्वल भविष्य और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार 21 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए कामना करेंगी. भाई दूज को भाऊ बीज और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है.
भाई दूज तिलक का समय
टीका मुहूर्त: 13:19 से 15:36
द्वितीय तिथि प्रारम्भ : 21 अक्टूबर 2017 को 01:37 बजे.
द्वितीय तिथि समाप्त : 22 अक्टूबर 2017 को 03:00 बजे.
भैया दूज के दिन ऐसे करें पूजा
- भैया दूज वाले दिन बहने आसन पर चावल के घोल से चौक बनाएं.
- इस चौक पर अपने भाई को बिठाकर उनके हाथों की पूजा करें.
- सबसे पहले बहन अपने भाई के हाथों पर चावलों का घोल लगाए.
- उसके ऊपर सिंदूर लगाकर फूल, पान, सुपारी तथा मुद्रा रख कर धीरे-धीरे हाथों पर पानी छोड़ते हुए मंत्र बोले.
- इसके बाद बहन भाई के मस्तक पर तिलक लगाकर कलावा बांधे और भाई के मुंह में मिठाई, मिश्री और माखन लगाएं.
- घर पर भाई सभी प्रकार से प्रसन्नचित्त जीवन व्यतीत करें, ऐसी मंगल कामना करें और उसकी लम्बी उम्र की प्रार्थना करें.
- इसके बाद यमराज के नाम का चौमुखा दीपक जला कर घर की दहलीज के बाहर रखें. जिससे भाई के घर में किसी प्रकार का विघ्न-बाधां न आए और वह सुखमय जीवन व्यतीत करें.
तिलक करते समय पढ़े ये मंत्र
गंगा पूजा यमुना को, यमी पूजे यमराज को.
सुभद्रा पूजे कृष्ण को गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें फूले फलें.
भाई दूज तिलक का समय
टीका मुहूर्त: 13:19 से 15:36
द्वितीय तिथि प्रारम्भ : 21 अक्टूबर 2017 को 01:37 बजे.
द्वितीय तिथि समाप्त : 22 अक्टूबर 2017 को 03:00 बजे.
भैया दूज के दिन ऐसे करें पूजा
- भैया दूज वाले दिन बहने आसन पर चावल के घोल से चौक बनाएं.
- इस चौक पर अपने भाई को बिठाकर उनके हाथों की पूजा करें.
- सबसे पहले बहन अपने भाई के हाथों पर चावलों का घोल लगाए.
- उसके ऊपर सिंदूर लगाकर फूल, पान, सुपारी तथा मुद्रा रख कर धीरे-धीरे हाथों पर पानी छोड़ते हुए मंत्र बोले.
- इसके बाद बहन भाई के मस्तक पर तिलक लगाकर कलावा बांधे और भाई के मुंह में मिठाई, मिश्री और माखन लगाएं.
- घर पर भाई सभी प्रकार से प्रसन्नचित्त जीवन व्यतीत करें, ऐसी मंगल कामना करें और उसकी लम्बी उम्र की प्रार्थना करें.
- इसके बाद यमराज के नाम का चौमुखा दीपक जला कर घर की दहलीज के बाहर रखें. जिससे भाई के घर में किसी प्रकार का विघ्न-बाधां न आए और वह सुखमय जीवन व्यतीत करें.
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गंगा पूजा यमुना को, यमी पूजे यमराज को.
सुभद्रा पूजे कृष्ण को गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें फूले फलें.
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