बंगला कैलेंडर का पहला महीना बैसाख है. बैसाख का पहला दिन बंगला नव वर्ष (Bengali New Year) की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है. पश्चिम बंगाल और भारत के कोने-कोने में रह रहे बंगाली समुदाय के लोग इस दिन को विशेष त्योहार के रूप में मनाते हैं. इस त्योहार को पोइला बैसाख (Poila Baisakh) या नब बर्षो (Naba Barsho) भी कहा जाता है. बंगाली जहां भी होते हैं वे इस त्योहार को जरूर मनाते हैं. यह त्योहार हर साल बांग्लादेश में 14 अप्रैल को मनाया जाता है. वहीं, दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में चंद्रसौर बांग्ला कैलेंडर के अनुसार 15 अप्रैल को बैसाख मनाया जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई नेताओं ने पोइला बैसाख की शुभकामनाएं दी हैं:
Best wishes on Vishu! Have a wonderful year ahead. pic.twitter.com/Vb8lzGlXUO
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) April 15, 2019
এসো হে বৈশাখ, এসো এসো... ঐ নূতনের কেতন ওড়ে কাল্-বোশেখীর ঝড়। তোরা সব জয়ধ্বনি কর্ !
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 15, 2019
বাংলার মা, মাটি, মানুষকে জানাই #শুভনববর্ষ১৪২৬ এর আন্তরিক প্রীতি, শুভেচ্ছা, ভালোবাসা, প্রণাম ও সালাম। এই শুভ দিন সবার কাটুক ভাল। ১৪২৬ আপনার ও আপনার পরিবারের জন্য হয়ে উঠুক মঙ্গলময়, এই কামনা করি pic.twitter.com/OOJgel6VPQ
सौर मास और खेती के चक्र पर आधारित भारतीय नववर्षों #पोइलाबोइशाख, #बोहागबिहू और #विशु की आप सबको ढेरों शुभकामनाएं। बंगाल, असम और केरल के भाइयों-बहनों के लिए विशेष तौर पर सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की मंगलकामनाएं। ये पावन पर्व प्रकृति से #सनातन के जुड़ाव को बताते हैं।
— Chowkidar Yogi Adityanath (@myogiadityanath) April 15, 2019
पोइला बैसाख की शुभकामना संदेश
पोइला बैसाख के इतिहास को लेकर इतिहासकारों की अलग-अलग राय है. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना के बाद सम्राट हिजरी कैलेंडर के अनुसार कृषि कराधान लेते थे. लेकिन चूंकि हिजरी काल चंद्रमा पर आधारित था, इसलिए यह कृषि उत्पादन से मेल नहीं खाता था. परिणामस्वरूप, किसान असमान भुगतान करने के लिए मजबूर हो गए थे. कई लोगों का मानना है कि मुगल सम्राट अकबर ने राजस्व संग्रह में सुधार लाने के लिए बंगाली कैलेंडर की शुरुआत की. माना जाता है कि सम्राट के आदेश के अनुसार, खगोलशास्त्री फतेहुल्लाह सिराजी ने सौर वर्ष और अरबी हिजरी पर आधारित नए बंगाली कैलेंडर का निर्माण किया. बंगला कैलेंडर की गिनती 10 मार्च या 11 मार्च 1584 से शुरू हुई थी. कैलेंडर की शुरुआत को बाद में बंगाली नव वर्ष के रूप में मनाया जाने लगा.
वहीं, उत्तर भारत में हिन्दू परिवार चैत्र नवरात्रि के पहले दिन को नए साल के रूप में मनाते हैं. दूसरी ओर, पंजाब और हरियाणा में बैसाखी का पर्व मनाया जाता है. बैसाखी एक कृषि पर्व है. इस दौरान रबी की फसल पककर तैयार हो जाती है. असम में भी इस दौरान किसान फसल काटकर निश्चिंत हो जाते हैं और त्योहार मनाते हैं. असम में इस त्योहार को बिहू कहा जाता है. केरल में यह त्योहार विशु कहलाता है.
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