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This Article is From Jan 04, 2024

Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला को बनारस के पान का लगाया जाएगा भोग, जानिए खास महत्व

Ram Temple: अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. साथ ही, रामलला को भोग में क्या चढ़ाया जाना है यह भी तय हो गया है.

Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला को बनारस के पान का लगाया जाएगा भोग, जानिए खास महत्व
Ayodhya Ram Temple: 22 जनवरी के दिन होने वाली है राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा.

Ayodhya Ram Mandir: नए साल की शुरुआत के साथ ही पूरे भारत में जोरों-शोरों से अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां चल रही हैं. 22 जनवरी 2024 को दोपहर 12:30 और 8 सेकेंड से लेकर 12:30 और 32 सेकेंड तक रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ मुहूर्त तय किया गया है. लेकिन, क्या आप जानते हैं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान उन्हें किस चीज का भोग लगाया जाएगा? असल में रामलला को एक दो नहीं बल्कि 151 बनारस के पान (Banaras Ke Paan) का भोग लगाया जाएगा. जानिए इसके पीछे का महत्व क्या है.

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रामलला को चढ़ाया जाएगा बनारस का स्पेशल पान 

अयोध्या में राम मंदिर में जब रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी तब उन्हें 151 बनारस के पान का भोग लगाया जाएगा. ये पान बनारस के रिंकू चौरसिया बनाएंगे जिनकी दो पीढ़ियां रामलला को पान का भोग भेजती हैं. इतना ही नहीं रामलला के लिए 151 पान के ऑर्डर के साथ ही 1000 अन्य पान भी मंगवाए गए हैं जो भक्तों में वितरित किए जाएंगे.

पूजा में क्यों जरूरी है पान का पत्ता 

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान पान का भोग लगाना महत्वपूर्ण माना जाता है. कहते हैं कि पान के पत्तों के बिना धार्मिक अनुष्ठान पूरे नहीं होते हैं. समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और असुरों ने समुद्र देव का पूजन किया था और इस पूजा में पान के पत्ते (Betel Leaf) का उपयोग किया गया था, इसलिए किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या पूजा-पाठ में पान के पत्ते का इस्तेमाल जरूर किया जाता है. इतना ही नहीं कहते हैं कि पान के पत्ते में सभी देवी-देवताओं का वास होता है. पान के पत्ते के ऊपरी हिस्से में इंद्रदेव होते हैं, मध्य भाग में मां सरस्वती और निचले भाग में मां लक्ष्मी का वास होता है. वहीं, पान के अंदर और बाहरी हिस्से में भगवान विष्णु और भगवान शिव वास करते हैं. इसलिए पान के पत्ते को सबसे शुद्ध और शुभ माना जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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