
Ganesh Chaturthi 2025 Puja Tips: हिंदू धर्म में गणपति की पूजा अत्यंत ही शुभ और शीघ्र ही फलदायी मानी गई है. सप्ताह के सात दिनों में गणपति की पूजा के लिए जहां बुधवार का दिन तो वहीं प्रत्येक पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को बेहद मंगलदायक माना गया है. इस पावन चतुर्थी तिथि का तब और भी ज्यादा धार्मिक महत्व बढ़ जाता है जब यह भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष में पड़ती है क्योंकि हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था. यही कारण है कि गणपति के भक्त इस पावन तिथि को पूजा और व्रत करने और पूरे साल इंतजार करते हैं. आइए जानते हैं कि आपकी गणेश चतुर्थी की पूजा किन चीजों के बगैर अधूरी रहती है.

1. दूर्वा
गणपति या फिर कहें गजानन को दूर्वा बहुत पसंद है. यही कारण है कि गणपति की पूजा दूर्वा के बगैर अधूरी मानी जाती है. मान्यता है कि यदि कोई भक्त गणेश चतुर्थी पर लाल धागे से बंधी हुई दूर्वा की इक्कीस गांठ श्रद्धा और विश्वास के साथ चढ़ाता है तो वे शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं.
2. सिंदूर
भगवान श्री गणेश की पूजा में दूर्वा के साथ सिंदूर का प्रयोग जरूर करें. हिंदू मान्यता के अनुसार गणपति को सिंदूर का लेप लगाने से वे शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं. सिंदूर अर्पित करने वाले भक्त पर गणपति की हमेशा कृपा बरसती है और वे उसके जीवन की सभी निगेटिविटी को दूर करके शुभता प्रदान करते हैं.

3. अक्षत
हिंदू मान्यता के अनुसार गणपति की पूजा में अक्षत जरूर शामिल करना चाहिए. मान्यता है कि धान के भीतर रहने के कारण इसे शुद्ध और पवित्र माना जाता है. धन और लंबी आयु का प्रतीक माने जाने वाले अक्षत को गणेश जी पर चढ़ाने से घर में सुख-संपत्ति और सौभाग्य हमेशा बना रहता है. भगवान श्री गणेश जी को अक्षत चढ़ाते समय ‘इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नम:' मंत्र बोलें.

4. मोदक
गणपति की पूजा में तीसरी सबसे महत्वपूर्ण चीज उन्हें चढ़ाया जाने वाला मोदक है. हिंदू मान्यता है कि यदि कोई भक्त गणपति को गणेश चतुर्थी पर मोदक का भोग लगाता है और उसे अधिक से अधिक प्रसाद के रूप में बांटता है तो उसकी झोली गजानन खुशियों से भर देते हैं. हालांकि यदि मोदक उपलब्ध न हो तो आप गणपति को अत्यंत प्रिय लगने वाला मोतीचूर का लड्डू भी भोग में चढ़ा सकते हैं.

5. गेंदे का फूल
गणपति की पूजा में लाल रंग के गुड़हल अथवा गेंदे का फूल अर्पित करें. मान्यता है कि गणपति को ये दोनों ही फूल अत्यंत ही प्रिय हैं. ऐसे में आप गणपति की श्रृंगार के लिए इन दोनों ही पुष्पों का प्रयोग कर सकते हैं. मान्यता है कि लाल रंग का गुड़हल फूल चढ़ाने से भगवान श्री गणेश जी की कृपा से करियर-कारोबार में सफलता मिलती है तो वहीं गेंदे का फूल गणपति को चढ़ाने पर सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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