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गणपति के 8 पावन धाम, जहां दर्शन से दूर होते हैं सारे दोष, पूरी होती है हर मनोकामना

Ashtavinayak Mandir: भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग की तरह प्रथम पूजनीय माने जाने वाले गणपति के पावन धाम कहां स्थित हैं? क्या इनमें मुंबई का सिद्धिविनायक भी आता है? गण​पति के 8 पावरफुल सिद्ध मंदिरों के बारे में विस्तार से जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख. 

गणपति के 8 पावन धाम, जहां दर्शन से दूर होते हैं सारे दोष, पूरी होती है हर मनोकामना
Ganesh Utsav 2025 : गणपति के 8 प्रसिद्ध मंदिर

Famous Temple of Lord Ganesha: सनातन परंपरा में गणपति को गणों का नायक और गुणों की खान कहा गया है. यही कारण है कि देवी-देवताओं की साधना हो या फिर कोई और मंगल कार्य, उसे प्रारंभ करने से पहले भगवान श्री गणेश जी की ही पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में तो किसी भी काम की शुरुआत करने को ही श्री गणेश कहा जाता है क्योंकि उनका नाम शुभता और सफलता की गारंटी माना जाता है. जीवन से जुड़े सभी विघ्न-बाधा को दूर करके सुख-संपत्ति और सौभाग्य दिलाने वाले गणपति के महाराष्ट्र में आठ पावन धाम हैं, जिन्हें लोग अष्टविनायक के नाम से जानते हैं. आइए भगवान गणेश जी के इन आठ मंदिरों के धार्मिक महत्व के बारे में जानते हैं. 

1. बल्लालेश्वर

भगवान श्री गणेश जी का यह पावन धाम महाराष्ट्र के मुंबई-गोवा मार्ग पर पाली गांव में स्थित है. यहां गणपति को उनके परम भक्त बल्लाल के नाम संबोधित किया जाता है. मान्यता है कि कभी यहां पर बल्लाल के बुलाने पर गणपति ब्राह्मण रूप में प्रकट हुए थे. गणपति का यह बहुत ज्यादा पवित्र और सिद्ध मंदिर है. 

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2. वरद विनायक

भगवान गणेश जी का यह मंदिर महाराष्ट्र के महड़ नामक स्थान पर स्थित है. गणपति के इस नाम के समान ही इस मंदिर की आस्था भी जुड़ी हुई है. लोगों का मानना है कि यहां पर दर्शन और पूजन से प्रसन्न होकर गणपति अपने भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं. पहाड़ों के बीच बसे स्थित गणपति के इस पावन धाम में सैकड़ों साल से अखंड दीप जल रहा है. गणपति यहां पर पूर्वाभिमुख हैं. 

3. चिंतामणी

भगवान श्री गणेश जी का चिंतामणी मंदिर महाराष्ट्र के थेऊर गांव में स्थित है. इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां पर दर्शन और पूजन करने से गणपति के भक्तों की चिंता शीघ्र ही दूर हो जाती है. हिंदू मान्यता है कि इसी पावन धाम पर कभी गणपति की साधना करने के बाद ब्रह्मा जी का मन या फिर कहें चित्त शांत हुआ था. 

4. मयूरेश्वर

भगवान श्री गणेश जी सिर्फ मूषक ही नहीं मोर और शेर की भी सवारी करते हैं. गणपति के इस पावन धाम पर वे मोर पर सवार हैं. मयूरेश्वर मंदिर पुणे शहर से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां पर मयूरेश्वर भगवान बैठे हुए मुद्रा मे हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार गणपति ने इसी स्थान पर कभी सिंधुरासुर नाम के दैत्य का वध किया था. 

5. सिद्धिविनायक

भगवान गणपति का यह मंदिर मुंबई वाला नहीं बल्कि पुणे शहर से तकरीबन 200 किमी दूर सिद्धटेक में स्थित है. इस मंदि के बारे में मान्यता है कि कभी यहां श्री हरि ने गणपति की साधना करके विशिष्ट सिद्धियां प्राप्त की थीं. मान्यता है कि गणपति के इस पावन धाम पर दर्शन करने वाले भक्त के हर काम सिद्ध होते हैं. 

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6. महागणपति

भगवान के 8 पावन धाम में आने वाला महागणपति का मंदिर महाराष्ट्र के राजणगांव में स्‍थित है. हिंदू मान्यता के अनुसार इसी पावन धाम पर कभी भगवान शिव ने श्री गणेश जी की साधना करने के बाद त्रिपुरासुर नाम के राक्षस को हराया था. महागणपति के दर्शन और पूजन से भक्तों की बड़ी से बड़ी कामनाएं शीघ्र ही पूरी होती हैं. 

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7. विघ्नहर

महाराष्ट्र के अष्टविनायक में भगवान विघ्नहर का मंदिर ओझर में स्थित है. मान्यता है कि यहां पर स्थित भगवान विघ्नेश्वर की पूर्वाभिमुखी मूर्ति के दर्शन करते ही व्यक्ति की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं और उसे कार्यों में मनचाही सफलता मिलती है. गणपति का यह मंदिर सोने के शिखर वाला है. 

8. गिरिजात्मज

भगवान श्री गणेश जी का यह पावन धाम महाराष्ट्र के लेण्याद्री गांव में स्थित है. हिंदू धर्म में माता पार्वती को गिरिजा भी कहा जाता है. ऐसे में गिरिजा के पुत्र होने के कारण यहां श्री गणेश जी को गिरिजात्मज कहा जाता है. मान्यता है कि गणपति की पूजा करने पर यहां भक्तों की कामनाएं शीघ्र ही पूरी होती हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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