Apara Ekadashi: एकादशी के व्रत की हिंदू धर्म में विशेष मान्यता होती है. सालभर में 24 एकादशी पड़ती हैं जिनमें से एक है अपरा एकादशी जिसे अचला एकादशी (Achala Ekadashi) भी कहा जाता है. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु के लिए रखा जाता है और इस दिन भगवान विष्णु की खास पूजा की जाती है. वहीं, श्री हरि विष्णु के साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा-आराधना भी की जाती है. पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन अपरा एकदशी मनाई जाती है जिस चलते 15 मई के दिन अपरा एकादशी का व्रत रखा जा रहा है.
अपरा एकादशी का मुहूर्त
एकादशी की तिथि 15 मई की सुबह 2 बजकर 46 मिनट पर हो रही है जिसका समापन अगले दिन 16 मई सुबह 1 बजकर 3 मिनट पर होगा. 15 मई के दिन ही उदया तिथि पड़ रही है इसीलिए आज ही अपरा एकादशी मनाई जाएगी और एकादशी का व्रत (Ekadashi Vrat) रखा जाएगा. नोएडा के इस्कोन टेंपल के अनुसार, अपरा एकादशी के अगले दिन यानी 16 मई के दिन व्रत परायण का समय सुबह 6 बजकर 4 मिनट से सुबह 10 बजकर 1 मिनट तक रहेगा.
अपरा एकादशी की पूजामाना जाता है कि अपरा एकादशी का व्रत रखने पर भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है और उन्हें स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है. इस एकादशी को बेहद शुभ और लाभकारी एकादशी माना जाता है. अपरा एकादशी पर पूजा (Apara Ekadashi Puja) करने के लिए सुबह उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. भक्त खासतौर से भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं.
इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए उपवास रखा जाता है. भक्त प्रयास करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा हरे कृष्ण महामंत्र का जप करें. दिन में कीर्तन किया जाता है और श्रीमद् भागवतम का पाठ होता है.
इस एकादशी के व्रत में दिन की शुरूआत और अंत दोनों ही भगवान विष्णु का ध्यान करके होता है. मन से लोभ, ईर्ष्या और कुंठा को दूर रखने की कोशिश की जाती है. सात्विक भोजन का सेवन किया जाता है और तामसिक भोजन से परहेज करते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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