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This Article is From May 13, 2021

Akshaya Tritiya 2021: कल है अक्षय तृतीया, यहां जानें 5 पारंपरिक रीति-रिवाज

Akshaya Tritiya 2021: हिंदू शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया साल के सबसे शुभ दिनों में से एक है. संस्कृत में, अक्षय का अर्थ शाश्वत है और तृतीया का अर्थ शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन या पूर्णिमा के चरण से है.

Akshaya Tritiya 2021: कल है अक्षय तृतीया, यहां जानें 5 पारंपरिक रीति-रिवाज
नई दिल्ली:

Akshaya Tritiya 2021: हिंदू शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया साल के सबसे शुभ दिनों में से एक है. संस्कृत में, अक्षय का अर्थ शाश्वत है और तृतीया का अर्थ शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन या पूर्णिमा के चरण से है.

अक्षय तृतीया को देश के कुछ हिस्सों में अखा तीज ( Akha Teej) के रूप में जाना जाता है. यह चार तीथ या समय का है जब किसी को किसी विशेष कार्य या पूजा के लिए मुहूर्त या शुभ मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती है. बता दें,
अक्षय तृतीया के पूरे दिन को पवित्र माना जाता है.

Akshaya Tritiya 2021: यहां जानें 5  पारंपरिक रीति-रिवाज

1- अक्षत तैयार करना: अक्षय तृतीया के द‍िन भगवान विष्‍णु और लक्ष्‍मी मां की पूजा की जाती है. अक्षय तृतीया पर व्रत का पालन करने वाले लोग अक्षत तैयार करते हैं.  इस द‍िन व‍िष्‍णुजी को चावल को हल्दी या कुमकुम के साथ चढ़ाना शुभ होता है. ऐसा करने से आपके परिवार में  भगवान विष्‍णु की कृपा बनी रहेगी.

2- दान: अक्षय तृतीया पर, दान या दान कार्य पारंपरिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्‍यता है क‍ि अक्षय तृतीया के दिन जो भी दान किया जाता है उसका पुण्‍य कई गुना ज्यादा मिलता है.
लोग वंचितों को खाद्यान्न, कपड़े, गुड़ और अन्य सामान  का दान करते हैं. शास्त्रों के अनुसार, अक्षय तृतीया पर दान करने से  परिवार में सुख समृद्धि बनी रहेगी.

3- सोना खरीदना: परंपरागत रूप से, दिवाली से पहले धनतेरस की तरह अक्षय तृतीया पर, लोग समृद्धि के लिए सोना खरीदते हैं.  चूंकि अक्षय का अर्थ शाश्वत होता है, इसलिए लोग अपने जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाने के लिए सोना और चांदी खरीदते हैं. लोग इस दिन कार या महंगे घरेलू इलेक्ट्रॉनिक सामान भी खरीदते हैं.

4- पूजा, जप और यज्ञ: शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु, गणेश या गृह देवता को समर्पित प्रार्थनाओं का जाप करने से सौभाग्य प्राप्त होता है. लोग पितृ तर्पण भी करते हैं या अक्षय तृतीया पर अपने पुरखों को सम्मान देते हैं.

5- अक्षय तृतीया नैवेद्य थाली: यह विशेष खाद्य पदार्थों को संदर्भित करता है, जो शुभ दिन पर तैयार किए जाते हैं और देवताओं को अर्पित किए जाते हैं. नैवेद्य थाली थाली या प्लेट पर वस्तुएं अलग-अलग होती हैं, लेकिन दूध और दूध से बने उत्पाद जैसे खीर, घी, दही और मिठाइयां बहुत आवश्यक हैं. चावल और नारियल से तैयार वस्तुएं नैवेद्य में भी शामिल किए जाते हैं.

अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त

अक्षय तृतीया की तिथि: 14 मई 2021

अक्षय तृतीया पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 5:38 से दोपहर 12:18 तक.

- कुल अवधि 6 घंटे 40 की मिनट होगी.

- तृतीया तिथि प्रारंभ- 14 मई 2021 को सुबह 05:38 बजे से

- तृतीया तिथि समाप्त- 15 मई 2021 को सुबह 07:59 तक

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