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Aakshay Navami 2025: अक्षय नवमी पर इन 5 कामों से बढ़ेगा आपका गुडलक और पूरी होगी मनोकामना

Akshay Navami Ke Upay: हिंदू धर्म में कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि बेहद शुभ मानी गई है क्योंकि इस दिन अक्षय नवमी का पर्व मनाया जाता है. अक्षय नवमी की पूजा और व्रत के साथ किन चीजों को करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है, जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

Aakshay Navami 2025: अक्षय नवमी पर इन 5 कामों से बढ़ेगा आपका गुडलक और पूरी होगी मनोकामना
Aakshay Navami 2025: सुख-सौभाग्य बढ़ाने वाले अक्षय नवमी के 5 उपाय
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Akshay Navami 2025 worship remedies for prosperity: आज कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि पर अक्षय तृतीया का पावन पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव की भी कृपा बरसाता है। यानि इस दिन हरि और हर दोनों एक साथ अपने भक्तों पर कृपायमान होते हैं। अक्षय नवमी के दिन की पूजा के बारे में मान्यता है कि इस दिन किया गया जप, तप और व्रत का कभी क्षय नहीं होता है। आइए जानते हैं कि आज किन 5 कामों को करने पर व्यक्ति के कष्ट दूर ओर सुख-सौभाग्य से जुड़ी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

  • अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करना बेहद शुभ माना गया है क्योंकि हिंदू मान्यता के अनुसार यह एक मात्र ऐसा पेड़ है, जिसकी पूजा करने पर आपको न सिर्फ भगवान भोलेनाथ और भगवान विष्णु दोनों की एक साथ पूजा करने का पुण्यफल प्राप्त होता है। अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
  • हिंदू मान्यता के अनुसार अक्षय नवमी के दिन न सिर्फ आंवले के पेड़ की पूजा करना शुभ माना गया है, बल्कि इस दिन इसके पौधे को खरीद कर उसे लगाना और उसका दान करना अत्यंत ही पुण्यदायी माना गया है।
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  • हिंदू मान्यता के अनुसार अक्षय नवमी के दिन न सिर्फ आंवले के पेड़ की पूजा करना बल्कि इसके नीचे बैठकर भोजन पकाना और उसे प्रसाद स्वरूप लोगों को खिलाना भी अत्यंत ही पुण्यदायी माना गया है। मान्यता है कि अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे भोजन पकाकर खाने से पूरे साल शरीर स्वस्थ और निरोगी बना रहता है तथा पूरे परिवार को सुख-सौभाग्य प्राप्त होता है।

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  • हिंदू मान्यता के अनुसार अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ की विशेष पूजा करते समय दो महत्वपूर्ण कार्य अवश्य करना चाहिए क्योंकि इसके बगैर इस पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। आंवला पूजन के अंत में आरती और परिक्रमा करने को बहुत जरूरी माना गया है। ऐसे में आज आप शुद्ध घी के दीया जलाकर आरती अवश्य करें तथा पूजा के अंत में अपनी शक्ति और संकल्प के अनुसार 11, 21, 51 या फिर 108 परिक्रमा करें।
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  • सनातन परंपरा में किसी भी पर्व पर स्नान-दान का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है। ऐसे में यदि आज संभव हो तो किसी पवित्र नदी या सरोवर में जाकर स्नान करना चाहिए और ​जरूरतमंद लोगों को विशेष रूप से आंवले का दान करना चाहिए। मान्यता है कि आज के दिन आंवला का दान करने से धन की देवी मां लक्ष्मी की पूरी साल कृपा बनी रहती है।

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  • हिंदू मान्यता के अनुसार पढ़ने-लिखने वाले छात्रों की मेज के पास कुछेक चीजें जैसे मोरपंख, मां सरस्वती का चित्र आदि होना अत्यंत ही शुभ माना गया है। हिंदू मान्यता के अनुसार आंवला नवमी के दिन पुस्तकों के बीच में आंवले की हरी पत्ती रखने से उस विषय विशेष को लेकर एकाग्रता बढ़ती है और उसमें सफलता प्राप्त होती है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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