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कालकाजी दर्दनाक हादसा: आंधी में उड़ते हैं, बारिश में गिरते हैं... दिल्ली में आखिर इतने बीमार क्यों है पेड़

दिल्ली में पेड़ के गिरने की यह कोई पहली घटना नहीं है. इसी साल मई में दक्षिणी दिल्ली के शेख सराय में सर्वोदय एन्क्लेव में भी एक बड़ा पेड़ गिरा था. इस पेड़ की चपेट में कई वाहन आए थे.

कालकाजी दर्दनाक हादसा: आंधी में उड़ते हैं, बारिश में गिरते हैं... दिल्ली में आखिर इतने बीमार क्यों है पेड़
दिल्ली में पेड़ के गिरने से हुआ बड़ा हादसा, इस तरह की यह कोई पहली घटना नहीं
  • दिल्ली के कालकाजी में बारिश के कारण नीम पेड़ के गिरने से एक व्यक्ति की मौत और एक गंभीर रूप से घायल हो गया.
  • पेड़ गिरने का प्रमुख कारण तेज हवा के साथ जड़ों के आसपास की मिट्टी का बह जाना और शहरीकरण भी एक कारण है.
  • दिल्ली में बारिश के दौरान पेड़ों के उखड़ने की घटनाएं नियमित होती हैं, जिससे कई बार जानमाल का नुकसान होता है.
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नई दिल्ली:

दिल्ली के कालकाजी में गुरुवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ. इस हादसे में एक शख्स की मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया. हादसा नीम के पेड़ के बाइक पर गिरने से हुआ. पेड़ के गिरने से सिर्फ बाइक सवार को ही नुकसान नहीं हुआ बल्कि वहां आसपास पड़ी दूसरी गाड़ियां भी इसकी चपेट में आ गई. चश्मदीदों ने बताया इलाके में लगातार हो रही बारिश के कारण पेड़ के आसपास की मिट्टी बह गई थी, इस वजह से पेड़ गिर गया. अब ऐसे में सवाल ये है कि दिल्ली में इस तरह के खौफनाक हादसों को क्या समय रहते टाला जा सकता है. 

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कई दशक पुराना था पेड़

कालकाजी में जिस पेड़ के गिरने से ये हादसा हुआ उसे काफी पुराना बताया जा रहा है. स्थानीय लोगों को कहना है कि वो बीते 20 से ज्यादा सालों से इस पेड़ को देख रहे थे.अब ऐसे में सवाल ये है कि आखिर एकाएक ऐसा क्या हुआ कि इतना पुराना पेड़ एकाएक उखड़कर गिर गया. पेड़ों के रखरखाव पर काम करने वाली संस्था वृक्षित फाउंडेशन के अनुसार तेज हवाएं ही पेड़ों के गिरने का कारण नहीं होती हैं. इसके पीछे की एक बड़ी वजह जड़ों के आसपास खाली जगह के ना होना, अर्बल प्लानिंग और पेड़ों के रखरखाव की अनदेखी करना भी एक बड़ी वजह है. ये जानकारी इन्होंने अपने फेसबुक पेज पर साझा की है. 

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बारिश में पेड़ उखड़ने की घटना आम है

दिल्ली में बारिश या आंधी के आते पेड़ों के उखड़ने की कहानी कोई नई नहीं है. हर साल ऐसे दर्जनों पेड़ जड़ से उखड़ जाते हैं. कई बार तो पेड़ों को इस तरह से उखड़ने का नुकसान आम लोगों को भी होता है लेकिन इन पेड़ों को बचाने के लिए कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए. 

इस साल पेड़ गिरने की घटनाएं 

  • 2 मई 2025: जाफरपुर कलां में पेड़ गिरने से एक परिवार बर्बाद
  • 15 जून 2025: आर.के. पुरम में पेड़ गिरने से बिजली का तार टूट गया, दो मजदूरों की मौत
  • 21 मई 2025: दिल्ली‑NCR में आंधी‑बारिश, सड़कों पर पेड़ उखड़ गए, ट्रैफिक और मेट्रो बाधित
  • 14 अगस्त 2025: कालकाजी में बाइक सवार पर गिरा पेड़
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किस वजह से दिल्ली में जड़ों से उखड़ते हैं

दिल्ली में बारिश के दौरान पेड़ों के उखड़ने का सिलसिला बीते कई सालों से जारी है. जानकार बताते हैं कि बारिश के दौरान पेड़ों के उखड़ने के कई कारणों में से कुछ हैं उथली जड़ें, कमजोर मिट्टी, और भारी बारिश के कारण पेड़ों का पानी में डूबना. शहरीकरण के कारण पेड़ों को पर्याप्त खुली जगह नहीं मिल पाती, जिससे उनकी जड़ें उथली रह जाती हैं. इसके अलावा, बारिश का पानी मिट्टी में गहराई तक नहीं जा पाता, जिससे जड़ें कमजोर हो जाती हैं. भारी बारिश के कारण पेड़ पानी में डूब जाते हैं, जिससे उनकी जड़ें सड़ने लगती हैं और वे कमजोर हो जाते हैं. 

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क्या नालों की वजह से गिर रहे हैं पेड़

कालकाजी में हुए हादसे के बाद एक चश्मदीद ने बताया कि पेड़ों के गिरने के पीछे का एक कारण नालों की सफाई का ना होना भी है.उन्होंने बताया कि बारिश के समय में नालों में पानी भर जाता है, इस वजह से उसके आसपास जो पेड़ होते हैं उनकी जड़े लगातार पानी में डूबे होने के कारण कमजोर हो जाती है. अगर नालों की सफाई सही से कराई जाए तो बारिश का पानी बगैर रुके बहेगा. और ऐसे में पेड़ों की जड़ों के आसपास पानी नहीं जमेगा. 

इस तरह की यह कोई पहली घटना नहीं है

दिल्ली में पेड़ के गिरने की यह कोई पहली घटना नहीं है. इसी साल मई में दक्षिणी दिल्ली के शेख सराय में सर्वोदय एन्क्लेव में भी एक बड़ा पेड़ गिरा था. इस पेड़ की चपेट में कई वाहन आए थे. हालांकि, उस दौरान इसकी चपेट में आने से कोई हताहत नहीं हुआ था. इस तरह की कई और घटनाएं भी बाद में सामने आई थीं. इस साल सिर्फ मई में आए आंधी तूफान के कारण 350 से ज्यादा पेड़ उखड़ गए या टूट गए.इसके बाद भी पेड़ों के गिरने का सिलसिला जारी है. 

तीन साल पहले कोर्ट ने जारी किया था आदेश 

आपको बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने तीन साल पहले एक आदेश जारी किया था. उस आदेश में सभी नगर निगमों और सरकारी एजेंसियों को कहा था कि वे पेड़ों के लिए एंबुलेंस बनाए. कोर्ट ने इस योजना में डीडीए और पीडब्ल्यूडी जैसी एजेंसियों को भी शामिल किया था. कोर्ट ने कहा था कि पेड़ों को बचाने के लिए विशेषज्ञों का रखा जाए. 
  

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