प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
जबरन धन वसूली के एक मामले में संयुक्त जांच में सहयोग करने में विफल रहने के लिए मटियाला से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक गुलाब सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है. सिंह पार्टी के गुजरात मामलों के सह-प्रभारी भी हैं.
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए गुलाब सिंह ने बताया कि उन्होंने पुलिस को सूचित किया है कि वह पार्टी के काम से गुजरात में हैं और 18 अक्टूबर को जांच में शामिल होंगे. सिंह के कथित सहयोगियों के खिलाफ वसूली की शिकायत में उन्हें भी नामजद किया गया है.
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली पुलिस द्वारा उठाए गए इस कदम के समय को लेकर सवाल खड़ा किया है क्योंकि यह वारंट ऐसे समय में जारी किया गया है जब पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल 16 अक्तूबर को गुजरात में रैली करने वाले हैं. पिछले महीने दो प्रापर्टी डीलरों- दीपक शर्मा और रिंकू दीवान ने आरोप लगाया था कि गुलाब सिंह के कार्यालय में काम करने वाले सतीश और देविंदर तथा एक सहयोगी जगदीश ने उनसे धन की मांग की थी और धमकी दी थी कि यदि पैसे का भुगतान नहीं किया गया तो वे उस भवन को ध्वस्त करा देंगे जहां ये प्रापर्टी डीलर काम करते हैं.
एक वरिष्ठ पुलिस ने बताया कि सतीश , देविंदर और जगदीश को गिरफ्तार किया गया था और मामले की जांच में पता लगा गया कि विधायक की जानकारी में एक संगठित जबरन धन वसूली का रैकेट चल रहा था. इसके बाद गुलाब सिंह का नाम प्राथमिकी में दर्ज किया गया और जांच में शामिल होने के लिए उन्हें नोटिस भेजा गया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए गुलाब सिंह ने बताया कि उन्होंने पुलिस को सूचित किया है कि वह पार्टी के काम से गुजरात में हैं और 18 अक्टूबर को जांच में शामिल होंगे. सिंह के कथित सहयोगियों के खिलाफ वसूली की शिकायत में उन्हें भी नामजद किया गया है.
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली पुलिस द्वारा उठाए गए इस कदम के समय को लेकर सवाल खड़ा किया है क्योंकि यह वारंट ऐसे समय में जारी किया गया है जब पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल 16 अक्तूबर को गुजरात में रैली करने वाले हैं. पिछले महीने दो प्रापर्टी डीलरों- दीपक शर्मा और रिंकू दीवान ने आरोप लगाया था कि गुलाब सिंह के कार्यालय में काम करने वाले सतीश और देविंदर तथा एक सहयोगी जगदीश ने उनसे धन की मांग की थी और धमकी दी थी कि यदि पैसे का भुगतान नहीं किया गया तो वे उस भवन को ध्वस्त करा देंगे जहां ये प्रापर्टी डीलर काम करते हैं.
एक वरिष्ठ पुलिस ने बताया कि सतीश , देविंदर और जगदीश को गिरफ्तार किया गया था और मामले की जांच में पता लगा गया कि विधायक की जानकारी में एक संगठित जबरन धन वसूली का रैकेट चल रहा था. इसके बाद गुलाब सिंह का नाम प्राथमिकी में दर्ज किया गया और जांच में शामिल होने के लिए उन्हें नोटिस भेजा गया.
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