नजीब जंग (फाइल फोटो)
                                                                                                                        - केजरीवाल सरकार ने पिछले महीने विधायक निधि में इजाफे का प्रस्ताव किया था
 - अभी विधायक निधि के तहत चार करोड़ रुपये हर साल होते हैं आवंटित
 - चार करोड़ को सीधे बढ़ाकर 14 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव था
 
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग ने सभी 70 विधायकों की स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (एलएडी) के तहत आवंटन में एक ही बार 10-10 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी से जुड़ी फाइल आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को लौटा दी है. जंग ने यह भी जानना चाहा है कि बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को कैसे सही ठहराया जा सकता है और मौजूदा विधायक निधि के उपयोग की स्थिति क्या है.
केजरीवाल सरकार ने पिछले महीने इस वित्तीय वर्ष में विधायक निधि में 250 फीसदी इजाफे का प्रस्ताव किया था. अभी विधायक निधि के तहत चार करोड़ रुपये हर साल आवंटित किए जाते हैं, जिसे बढ़ाकर सीधा 14 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव था.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि शहरी विकास विभाग ने मंजूरी के लिए उप-राज्यपाल के पास एक प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए इसे वापस भेज दिया.
सूत्रों ने कहा कि जंग के दफ्तर ने विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह बताए कि बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को कैसे सही ठहराया जा सकता है और मौजूदा विधायक निधि की उपयोगिता की स्थिति क्या है. जंग के निर्देशों के बाद शहरी विकास विभाग सभी राज्यों में अपने समकक्षों को पत्र लिखकर विधायक निधि का ब्योरा मांगेगा.
साल 2011 में तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने विधायक निधि के तहत प्रति विधायक होने वाला आवंटन दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर चार करोड़ रुपये कर दिया था. विधायक इस निधि के तहत आवंटित धनराशि से अपने विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य कराते हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
                                                                        
                                    
                                केजरीवाल सरकार ने पिछले महीने इस वित्तीय वर्ष में विधायक निधि में 250 फीसदी इजाफे का प्रस्ताव किया था. अभी विधायक निधि के तहत चार करोड़ रुपये हर साल आवंटित किए जाते हैं, जिसे बढ़ाकर सीधा 14 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव था.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि शहरी विकास विभाग ने मंजूरी के लिए उप-राज्यपाल के पास एक प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए इसे वापस भेज दिया.
सूत्रों ने कहा कि जंग के दफ्तर ने विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह बताए कि बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को कैसे सही ठहराया जा सकता है और मौजूदा विधायक निधि की उपयोगिता की स्थिति क्या है. जंग के निर्देशों के बाद शहरी विकास विभाग सभी राज्यों में अपने समकक्षों को पत्र लिखकर विधायक निधि का ब्योरा मांगेगा.
साल 2011 में तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने विधायक निधि के तहत प्रति विधायक होने वाला आवंटन दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर चार करोड़ रुपये कर दिया था. विधायक इस निधि के तहत आवंटित धनराशि से अपने विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य कराते हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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