आरपी शर्मा (फाइल फोटो)
असम:
जो तनिक हवा से बाग हिली, लेकर सवार उड़ जाता था। राणा की पुतली फिरी नहीं, चेतक तब तक मुड़ जाता था...। हल्दीघाटी कविता की ये लाइनें जेहन में उस वक्त आ गईं जब असम के तेजपुर से सांसद आरपी शर्मा को रायसीना रोड पर एक सफेद घोड़े पर देखा। हालांकि अगर असम के चैनेल के कैमरे न होते तो पता भी नहीं चलता कि ये सांसद हैं, लेकिन जब बात की तो पता चला कि वह सांसद हैं और दिल्ली सरकार के ऑड इवेन का विरोध करने के चलते वह बुधवार को किराए के घोड़े से संसद भवन जा रहे थे।
पुलिस ने किराए के घोड़े से उतार दिया
मीडिया का जब जमावड़ा लगना शुरू हुआ तो पुलिस ने उन्हें किराए के घोड़े से उतार दिया फिर वह पैदल ही पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए संसद भवन बढ़ लिए हालांकि जब मैंने उनसे पूछा कि ये पब्लिसिटी स्टंट है क्या तो उन्होंने तपाक से उत्तर दिया। नहीं, ऑड-इवन के विरोध का तरीका।
बस से क्यों नहीं गए
मैंने पूछा कि दिल्ली सरकार की बस से क्यों नहीं गए। उन्होंने कहा, पांच सौ सांसदों के लिए महज पांच बस लगाई गई वह भी वक्त से नहीं मिलती थी। ऑड-इवन का विरोध करके सुर्खियां बटोरने का यह तरीका शायद कारगर भी हो कि इससे मीडिया में वह कुछ देर के लिए बने रहेंगे।
पुलिस ने किराए के घोड़े से उतार दिया
मीडिया का जब जमावड़ा लगना शुरू हुआ तो पुलिस ने उन्हें किराए के घोड़े से उतार दिया फिर वह पैदल ही पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए संसद भवन बढ़ लिए हालांकि जब मैंने उनसे पूछा कि ये पब्लिसिटी स्टंट है क्या तो उन्होंने तपाक से उत्तर दिया। नहीं, ऑड-इवन के विरोध का तरीका।
बस से क्यों नहीं गए
मैंने पूछा कि दिल्ली सरकार की बस से क्यों नहीं गए। उन्होंने कहा, पांच सौ सांसदों के लिए महज पांच बस लगाई गई वह भी वक्त से नहीं मिलती थी। ऑड-इवन का विरोध करके सुर्खियां बटोरने का यह तरीका शायद कारगर भी हो कि इससे मीडिया में वह कुछ देर के लिए बने रहेंगे।
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