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दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर बिना ड्राइवर के चलेंगी रस्सी के सहारे पॉड टैक्सी
'पर्सनल रैपिड ट्रांज़िट' या 'मेट्रिनो' के नाम से जानी जाती है पॉड टैक्सी
12.3 किलोमीटर के इस रूट की लागत 800 करोड़ रुपये होगी
वैश्विक स्तर पर अपनी ही तरह की इस परियोजना को 'पर्सनल रैपिड ट्रांज़िट' या 'मेट्रिनो' के नाम से जाना जाता है, और सरकार ने इसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के तहत क्रियान्वित करने का फैसला किया है. शुरुआती बोली में चार वैश्विक कंपनियां इसके लिए पात्र पाई गई हैं.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ''हम एनएचएआई के तहत 800 करोड़ रुपये की पायलट परियोजना को क्रियान्वित करने जा रहे हैं... मेरी शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात हुई है और अंतत: हमने फैसला किया कि हम इसे एनएचएआई कानून के तहत क्रियान्वित कर सकते हैं... पूर्व में इस बात पर गौर किया गया था कि इसे ट्रामवे कानून के तहत क्रियान्वित किया जाए या एनएचएआई कानून के अंतर्गत...''
मंत्री ने बताया कि चार शुरुआती निविदाएं मिली हैं और सरकार जल्दी ही मेट्रिनो परियोजना के लिए वित्तीय बोली आमंत्रित करेगी. इसके तहत यात्री राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बिना चालक वाले रस्सी के सहारे चलने वाले 'पॉड' के ज़रिये यात्रा कर सकेंगे. पायलट परियोजना के तहत इसे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ (दिल्ली-हरियाणा राजमार्ग) पर 12.3 किलोमीटर तक चलाया जाएगा.
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