नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी के समर्थक...
नई दिल्ली:
दिल्ली नगर निगम के 13 वार्डों के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं। इसमें आम आदमी पार्टी को 5, कांग्रेस को 4 और बीजेपी को 3 सीटें मिली हैं। एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार ने जीती है। तेहखंड, मटियाला नानकपुरा, बल्लीमारान और विकासनगर सीट से आम आदमी पार्टी जीती है। झिलमिल, कमरुद्दीन नगर, खिचड़ीपुर और मुनिरका सीट कांग्रेस को मिली है। नवादा, वजीरपुर और शालीमार बाग से बीजेपी की जीत हुई है। वहीं भाटी माइन्स से निर्दलीय उम्मीदवार जीता है। इन सभी वॉर्डों पर रविवार को वोट डाले गए थे।
इस पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि MCD में बीजेपी-कांग्रेस का शासन रहा है। उपचुनाव में बाहरी AAP ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं। फिर से भरोसा जताने के लिए दिल्ली का शुक्रिया। अब MCD चुनाव में सभी सीट जीतनी है।
MCD ruled by BJP-Cong. Outsider AAP wins max seats in byelection. Thnx Delhi for reaffirming faith. Ab MCD election mein sabhi seat jeetni h
आम आदमी पार्टी की पोल खुल गई
कांग्रेस के नेता हारून यूसुफ ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के लोगों से झूठे वादे किए थे, अब पोल खुल चुकी है। धीरे-धीरे लोगों को अहसास हो रहा है कि काम कांग्रेस के राज में ही हुआ। सीएम केजरीवाल का झूठ अब सामने आने लगा है।
'आप' ने बताई बेहतरीन शुरुआत
आम आदमी पार्टी पहली बार एमसीडी चुनाव में उतरी है। 'आप' नेता दिलीप पांडे ने कहा कि हमने इस चुनाव से बहुत कुछ सीखा है। निश्चित रूप से यह परिणाम आम आदमी पार्टी को अपेक्षाओं से थोड़ा कम है, लेकिन इसके लिए आम आदमी पार्टी अपने विधायकों के साथ संवाद और समीक्षा करेगी। इस उपचुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरना बेहतरीन शुरुआत है।
माकन बोले, सबसे बड़ी जीत
कांग्रेस के नेता अजय माकन ने कहा कि हमें बड़ी खुशी है कि कांग्रेस यहां पर 4 सीटें जीती है। खासतौर पर 13 ऐसी सीट जहां पर कांग्रेस पहले नहीं जीती। अभी भी सबसे ज्यादा वोट कांग्रेस को मिल रहे हैं। निर्दलीय विधायक भी शायद कांग्रेस ही ज्वाइन करेंगे तो यह हमारी सबसे बड़ी जीत है।
तीनों पार्टियों ने किया था जीत का दावा...
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तीनों ही अपनी - अपनी जीत के दावे कर रहे थे, लेकिन हकीकत यह है कि विधानसभा चुनाव में 67 सीटों के प्रचंड बहुमत के बाद आम आदमी पार्टी के लिए उपचुनाव चुनौती रहा, तो कांग्रेस के लिए अस्तित्व की लड़ाई और विपक्षी पार्टी बीजेपी को तो लगता था कि निगमों के प्रति सरकार का रूखा रवैया उसे क्लीन स्वीप दिलाएगा। बीजेपी के उम्मीदवारों में से तीन विधायक रह चुके हैं लेकिन पिछले साल हार के बाद गुमनाम हो गए थे। पार्टी ने उन्हें एमसीडी चुनावों में उतारकर इस चुनाव को और महत्वपूर्ण बना दिया था।
इस पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि MCD में बीजेपी-कांग्रेस का शासन रहा है। उपचुनाव में बाहरी AAP ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं। फिर से भरोसा जताने के लिए दिल्ली का शुक्रिया। अब MCD चुनाव में सभी सीट जीतनी है।
MCD ruled by BJP-Cong. Outsider AAP wins max seats in byelection. Thnx Delhi for reaffirming faith. Ab MCD election mein sabhi seat jeetni h
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 17, 2016
आम आदमी पार्टी की पोल खुल गई
कांग्रेस के नेता हारून यूसुफ ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के लोगों से झूठे वादे किए थे, अब पोल खुल चुकी है। धीरे-धीरे लोगों को अहसास हो रहा है कि काम कांग्रेस के राज में ही हुआ। सीएम केजरीवाल का झूठ अब सामने आने लगा है।
'आप' ने बताई बेहतरीन शुरुआत
आम आदमी पार्टी पहली बार एमसीडी चुनाव में उतरी है। 'आप' नेता दिलीप पांडे ने कहा कि हमने इस चुनाव से बहुत कुछ सीखा है। निश्चित रूप से यह परिणाम आम आदमी पार्टी को अपेक्षाओं से थोड़ा कम है, लेकिन इसके लिए आम आदमी पार्टी अपने विधायकों के साथ संवाद और समीक्षा करेगी। इस उपचुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरना बेहतरीन शुरुआत है।
माकन बोले, सबसे बड़ी जीत
कांग्रेस के नेता अजय माकन ने कहा कि हमें बड़ी खुशी है कि कांग्रेस यहां पर 4 सीटें जीती है। खासतौर पर 13 ऐसी सीट जहां पर कांग्रेस पहले नहीं जीती। अभी भी सबसे ज्यादा वोट कांग्रेस को मिल रहे हैं। निर्दलीय विधायक भी शायद कांग्रेस ही ज्वाइन करेंगे तो यह हमारी सबसे बड़ी जीत है।
तीनों पार्टियों ने किया था जीत का दावा...
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तीनों ही अपनी - अपनी जीत के दावे कर रहे थे, लेकिन हकीकत यह है कि विधानसभा चुनाव में 67 सीटों के प्रचंड बहुमत के बाद आम आदमी पार्टी के लिए उपचुनाव चुनौती रहा, तो कांग्रेस के लिए अस्तित्व की लड़ाई और विपक्षी पार्टी बीजेपी को तो लगता था कि निगमों के प्रति सरकार का रूखा रवैया उसे क्लीन स्वीप दिलाएगा। बीजेपी के उम्मीदवारों में से तीन विधायक रह चुके हैं लेकिन पिछले साल हार के बाद गुमनाम हो गए थे। पार्टी ने उन्हें एमसीडी चुनावों में उतारकर इस चुनाव को और महत्वपूर्ण बना दिया था।
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