मनोज तिवारी ने अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.
नई दिल्ली:
दिल्ली में जिस तरीके से केजरीवाल सरकार और अफसरों में बीते काफी समय से तनातनी चल रही है उसके कारण अफसर लगातार आम आदमी पार्टी के निशाने पर रहे हैं, लेकिन अब BJP ने भी अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मांग की है कि एमसीडी के उन अफसरों पर कार्रवाई की जाए जिनके रहते अवैध निर्माण या अतिक्रमण हुआ है. उत्तर पूर्वी दिल्ली के गोकलपुर इलाके में एक मकान की सीलिंग तोड़ने के बाद जब दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी से एनडीटीवी इंडिया ने सवाल किया कि अगर दिल्ली में कई अवैध निर्माण हुआ है या अतिक्रमण हुआ है तो उसका जिम्मा दिल्ली नगर निगम का है, जिस पर बीते 11 सालों से BJP शासन कर रही है तो ऐसे में मनोज तिवारी सीलिंग तोड़कर क्या दिखाना चाहते हैं?
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इस सवाल के जवाब में मनोज तिवारी ने कहा 'एमसीडी हमारी नहीं है यह सब धोखा है. एमसीडी के कमिश्नर को लेकर टांग दीजिए. हम अपने मेयर पर भरोसा कर सकते हैं कमिश्नर पर भरोसा नहीं करेंगे. मेरी बात को स्पष्ट आप जान लीजिए, जो व्यक्ति भी कब्जा करने वालों से मिल गया है वह गलत है उस पर कार्रवाई कीजिए मैं आपके साथ खड़ा हूं'. मनोज तिवारी यहीं नहीं रुके. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की बनाई मॉनिटरिंग कमेटी पर भी गंभीर सवाल उठाए और कहा कि 'दिल्ली के अंदर जब घर बनता है तो कौन नहीं जानता कि कैसे बनता है? यह शास्त्र कोई छुपा हुआ नहीं है. तो फिर हमारी मॉनिटरिंग कमेटी क्यों चुपचाप बैठी थी 2007 से 2017 तक? क्या हम पूछें मॉनिटरिंग कमेटी से क्या 10 साल तक आप उन लोगों से मिले हुए थे? अगर नहीं तो आपको 2007 में 2008 में 2009 में 2010 में जागना चाहिए था.
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अगर आप के रहते ऐसा हुआ तो अधिकारियों को दंडित करो खुद को भी दंड बनाओ. अगर आप यह सोचेंगे कि 10 साल तक हम बनवाएंगे और 5 साल चुनाव आने पर तुड़वाएंगे तो हम यह व्यवस्था नहीं चलने देंगे'. दरअसल बीजेपी को इस बात का एहसास है कि सीलिंग के चलते व्यापारी और आम लोगों में उसके प्रति नाराजगी बढ़ रही है. इसका खामियाजा उसे आगामी लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता है. इसको दूर करने के लिए अब बीजेपी ने यह रणनीति बनाई है. इसके तहत बीजेपी के दिल्ली के सभी सांसद और विधायक इस तरह से सीलिंग के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं, लेकिन नगर निगम पर खुद बीजेपी 2007 से शासन कर रही है. ऐसे में सवाल उस पर भी आएंगे. इसलिए नगर निगम पर उठने वाले सवालों को BJP अधिकारियों के मत्थे मढ़ कर इस समस्या से निकलने की कोशिश कर रही है.
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