
कपिल मिश्रा जंग का आरोप कि वे उप राज्यपाल से मिलने उनके कार्यालय गए लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई
नई दिल्ली:
उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया को फिनलैंड से लौटने के लिए फैक्स भेजने के बाद शनिवार को आम आदमी पार्टी के मंत्री सत्येंद्र जैन और कपिल मिश्रा जंग से मिलने उनके कार्यालय गए लेकिन उप राज्यपाल के वहां न होने के कारण मुलाकात नहीं हो पाई जिसके बाद दोनों पक्षों में नया वाकयुद्ध शुरू हो गया.
मिश्रा ने जंग पर निशाना साधते हुए कहा, "ऐसा लगता है कि वह आज काम करने के मूड में नहीं है." लेकिन उपराज्यपाल के कार्यालय ने कहा कि कार्यालय में हफ्ते के सात दिन काम होता है और मंत्रियों ने पूर्व मंजूरी नहीं मांगी थी. कार्यालय ने साथ ही आप सरकार पर आरोप लगाया कि ऐसे समय में जब शहर स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है, आप सरकार मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है.
जंग ने राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू और चिकुनगुनिया के मामलों में एकाएक आई तेजी को देखते हुए सिसोदिया से फिनलैंड से तत्काल लौटने को कहा था. सिसोदिया अध्ययन यात्रा पर फिनलैंड गए हुए हैं. मंत्रियों ने उपराज्यपाल के कार्यालय के बाहर इंतजार किया और कहा कि उपराज्यपाल से मिलने के लिए कोई समय नहीं मांगा गया था क्योंकि जंग ने उप मुख्यमंत्री को एक "आपात" फैक्स भेजा था और उन्हें लगा कि उपराज्यपाल को कोई जरूरी बात करनी होगी.
मिश्रा ने कहा, "हमसे कहा गया कि आज छुट्टी का दिन है और वह कार्यालय में नहीं बैठते. हमने उन्हें फोन किया लेकिन वह अपने घर पर भी नहीं हैं. ऐसा लगता है कि वह आज काम करने के मूड में नहीं है." उपराज्यपाल के कार्यालय ने पलटवार करते हुए कहा कि उपराज्यपाल को मंत्रियों के आने के बारे में मीडिया के जरिये पता चला.
उपराज्यपाल कार्यालय ने एक बयान में कहा, "चूंकि उप राज्यपाल कार्यालय हफ्ते के सभी दिन काम करता है, उपराज्यपाल के सचिव मंत्रियों से मिले. हालांकि उन्होंने (मंत्रियों) उप राज्यपाल के लिए कोई पत्र या अभ्यावेदन नहीं दिया.'
हालांकि मिश्रा ने कहा कि चूंकि दिल्ली डेंगू और चिकुनगुनिया से जूझ रही है, उन्होंने जंग से मिलने के लिए समय का इंतजार नहीं किया.
उन्होंने कहा, "हमें लगा कि जंग साहब को बीमारियों से लड़ने की कोई अच्छी तरकीब सूझी है जो वह सिसोदिया से साझा करना चाहते हैं. चूंकि हम शनिवार और रविवार को भी काम करते हैं, हम आनन-फानन में उनसे मिलने चले आए." उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि यह 'अफसोसजनक' है कि ऐसे समय में जब दिल्ली एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से जूझ रही है, निर्वाचित सरकार लोगों को राहत मुहैया कराने की बजाए मुद्दे का 'राजनीतिकरण कर रही है.
कार्यालय ने कहा, "उपराज्यपाल कार्यालय दिल्ली में स्वास्थ्य की स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है और हम मुख्य सचिव एवं सचिव (स्वास्थ्य) से स्थिति पर नियमित जानकारी ले रहे हैं." जैन ने कहा कि उन्होंने जंग से फोन पर बात की लेकिन वह मुलाकात के लिए उपलब्ध नहीं थे.
उन्होंने कहा, "मैंने उनके फोन नंबर पर कॉल किया लेकिन वह (मुलाकात के लिए) उपलब्ध नहीं हैं. जब मैंने उनसे सिसोदिया को भेजे गए उनके फैक्स के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वह इसके बारे में बात नहीं करना चाहते." जैन ने ट्विटर पर लिखा, "उपराज्यपाल के कार्यालय गया. फोन पर पूछा कि क्या कुछ जरूरी काम है जिसके लिए उन्होंने कल उप मुख्यमंत्री को वापस आने के लिए फैक्स भेजा. जवाब मिला, चर्चा के लिए कुछ जरूरी नहीं है, आज समय नहीं है."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मिश्रा ने जंग पर निशाना साधते हुए कहा, "ऐसा लगता है कि वह आज काम करने के मूड में नहीं है." लेकिन उपराज्यपाल के कार्यालय ने कहा कि कार्यालय में हफ्ते के सात दिन काम होता है और मंत्रियों ने पूर्व मंजूरी नहीं मांगी थी. कार्यालय ने साथ ही आप सरकार पर आरोप लगाया कि ऐसे समय में जब शहर स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है, आप सरकार मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है.
जंग ने राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू और चिकुनगुनिया के मामलों में एकाएक आई तेजी को देखते हुए सिसोदिया से फिनलैंड से तत्काल लौटने को कहा था. सिसोदिया अध्ययन यात्रा पर फिनलैंड गए हुए हैं. मंत्रियों ने उपराज्यपाल के कार्यालय के बाहर इंतजार किया और कहा कि उपराज्यपाल से मिलने के लिए कोई समय नहीं मांगा गया था क्योंकि जंग ने उप मुख्यमंत्री को एक "आपात" फैक्स भेजा था और उन्हें लगा कि उपराज्यपाल को कोई जरूरी बात करनी होगी.
मिश्रा ने कहा, "हमसे कहा गया कि आज छुट्टी का दिन है और वह कार्यालय में नहीं बैठते. हमने उन्हें फोन किया लेकिन वह अपने घर पर भी नहीं हैं. ऐसा लगता है कि वह आज काम करने के मूड में नहीं है." उपराज्यपाल के कार्यालय ने पलटवार करते हुए कहा कि उपराज्यपाल को मंत्रियों के आने के बारे में मीडिया के जरिये पता चला.
उपराज्यपाल कार्यालय ने एक बयान में कहा, "चूंकि उप राज्यपाल कार्यालय हफ्ते के सभी दिन काम करता है, उपराज्यपाल के सचिव मंत्रियों से मिले. हालांकि उन्होंने (मंत्रियों) उप राज्यपाल के लिए कोई पत्र या अभ्यावेदन नहीं दिया.'
हालांकि मिश्रा ने कहा कि चूंकि दिल्ली डेंगू और चिकुनगुनिया से जूझ रही है, उन्होंने जंग से मिलने के लिए समय का इंतजार नहीं किया.
उन्होंने कहा, "हमें लगा कि जंग साहब को बीमारियों से लड़ने की कोई अच्छी तरकीब सूझी है जो वह सिसोदिया से साझा करना चाहते हैं. चूंकि हम शनिवार और रविवार को भी काम करते हैं, हम आनन-फानन में उनसे मिलने चले आए." उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि यह 'अफसोसजनक' है कि ऐसे समय में जब दिल्ली एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से जूझ रही है, निर्वाचित सरकार लोगों को राहत मुहैया कराने की बजाए मुद्दे का 'राजनीतिकरण कर रही है.
कार्यालय ने कहा, "उपराज्यपाल कार्यालय दिल्ली में स्वास्थ्य की स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है और हम मुख्य सचिव एवं सचिव (स्वास्थ्य) से स्थिति पर नियमित जानकारी ले रहे हैं." जैन ने कहा कि उन्होंने जंग से फोन पर बात की लेकिन वह मुलाकात के लिए उपलब्ध नहीं थे.
उन्होंने कहा, "मैंने उनके फोन नंबर पर कॉल किया लेकिन वह (मुलाकात के लिए) उपलब्ध नहीं हैं. जब मैंने उनसे सिसोदिया को भेजे गए उनके फैक्स के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वह इसके बारे में बात नहीं करना चाहते." जैन ने ट्विटर पर लिखा, "उपराज्यपाल के कार्यालय गया. फोन पर पूछा कि क्या कुछ जरूरी काम है जिसके लिए उन्होंने कल उप मुख्यमंत्री को वापस आने के लिए फैक्स भेजा. जवाब मिला, चर्चा के लिए कुछ जरूरी नहीं है, आज समय नहीं है."
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