विज्ञापन
This Article is From Feb 15, 2016

कन्हैया की पेशी : जेएनयू के छात्रों और पत्रकारों पर कोर्ट में हमला, पुलिस बनी रही मूकदर्शक

कन्हैया की पेशी : जेएनयू के छात्रों और पत्रकारों पर कोर्ट में हमला, पुलिस बनी रही मूकदर्शक
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर के अंदर एक कथित राष्ट्रविरोधी कार्यक्रम के संबंध में देशद्रोह और आपराधिक साजिश के मामले में गिरफ्तार जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पुलिस हिरासत दो दिन के लिए बढ़ा दी। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि कन्हैया को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट लवलीन के सामने पेश किया गया, जहां पुलिस ने उससे हिरासत में पूछताछ का अनुरोध किया।

पुलिस ने अदालत को बताया कि कथित रूप से फरार सदस्यों सहित आरोपियों के आतंकी संगठनों से कथित संबंधों का पता करने के लिए कन्हैया को हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कन्हैया की पुलिस हिरासत दो दिन के लिए 17 फरवरी तक बढ़ा दी।

कोर्ट में कन्हैया मामले की सुनवाई से पहले मचे हंगामे के बाद कन्हैया को संसद मार्ग थाने ले जाया गया और जज ने खुद थाने पहुंचकर अदालत लगाई। वहीं कन्हैया की पेशी हुई और उसे दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।

इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया कुमार की पेशी के दौरान काफ़ी हंगामा हुआ। वहां पहुंचे छात्रों और पत्रकारों के साथ भी हाथापाई देखने को मिली। कई वकील नारे लगाते और हंगामा करते नज़र आए।

पटियाला हाउस अदालत परिसर के भीतर एवं बाहर वकीलों के समूहों ने पत्रकारों, जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया। दिल्ली भाजपा के विधायक ओमप्रकाश शर्मा भी वकीलों के इस समूह में शामिल हो गए, जिन्होंने भाकपा के कार्यकर्ता अमीक जामई की पिटाई की। उन्हें तुगलक रोड थाने ले जाया गया।

हिंसा उस समय भड़की जब जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट लवलीन के समक्ष पेश किया जाना था। कुमार पर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाया गया है। उन्हें रिमांड प्रक्रिया के लिए वहां लाया जाना था लेकिन बाद में दूसरी जगह ले जाया गया।

राष्ट्रभक्त होने का दावा करने वाले वकीलों ने पहले जेएनयू के छात्रों और अध्यापकों को अदालत के अंदर निशाना बनाया। उन्होंने उन्हें यह कहकर पीटा कि जेएनयू राष्ट्रविरोधी तत्वों और आतंकवादियों का 'अड्डा' बन गया है।

एनडीटीवी की पत्रकार सोनल मेहरोत्रा के साथ भी बदसलूकी हुई। उन्होंने पुलिस से मदद मांगी तो पुलिस ने उन्हें चुपचाप निकल जाने की सलाह दी। सोमवार को कन्हैया कुमार की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद उनकी पेशी थी। लेकिन इस दौरान वहां लगातार हंगामा होता रहा। इसी दौरान मानहानि के मामले में सुनवाई के बाद लौट रहे अरुण जेटली और बीजेपी विधायक ओपी शर्मा को देखकर किसी ने पाकिस्तान ज़िंदाबाद का नारा लगा दिया। इसके बाद ओपी शर्मा और उनके साथियों ने उस शख्स को पकड़कर पीट दिया।

सोनल ने बताया कि हमला करने वाले वकील पूछ रहे थे कि आप जेएनयू से हैं? वे लोगों को पकड़ रहे थे, जिन्हें जेएनयू से समझ रहे थे उन्हें अकारण ही पीट रहे थे। वकीलों का यह समूह 'भारत माता की जय और जेएनयू मुर्दाबाद' के नारे लगा रहा था।

उधर, इस मामले में पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में जेएनयू के छात्रों ने आज हड़ताल बुलाई है। कन्हैया की रिहाई तक यह हड़ताल जारी रहेगी। इससे पहले रविवार को भी वामपंथी छात्र संगठनों और शिक्षक संघ ने मानव शृंखला बनाकर अपना विरोध जताया था। इस बीच देश विरोधी नारेबाजी करने वाले पांच और छात्रों की तलाश जारी है।

शिक्षकों ने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया
उधर, जेएनयू के शिक्षकों ने पुलिसिया कार्रवाई का विरोध जारी रखते हुए इसे संस्थान की स्वायत्तता का हनन बताया और कहा कि हालात इमरजेंसी की याद दिला रहे हैं।

मामले पर स्टाफ भी बंटा हुआ दिख रहा है
इस बीच जेएनयू में देशद्रोह के नारे लगाने के आरोप पर विश्वविद्यालय का स्टाफ बंटा हुआ दिख रहा है। जहां कुछ शिक्षक पुलिस कार्रवाई के समर्थन में हैं वहीं कई इस कार्रवाई की कड़ी निंदा कर रहे हैं। जेएनयू के कई शिक्षकों का मानना है कि पिछले कुछ समय से जानबूझ कर विश्वविद्यालय को देश विरोधी दिखाने की साज़िश हो रही है।

22 फरवरी तक रिपोर्ट वाइस चांसलर को सौंपनी है
उधर, मामले की जांच में लगी जेएनयू की विशेष जांच कमेटी ने पूरी घटना की वीडियो फुटेज के आधार पर कई चश्मदीदों के बयान लिए हैं। 7 छात्रों को कमेटी के सामने पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया है। जांच पूरी होने तक ये छात्र क्लास अटेंड नहीं कर पाएंगे। कमेटी को 22 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट वाइस चांसलर को सौंपनी है। मामले की जांच कर रही स्थानीय पुलिस ने इस केस को आतंकी मामलों की जानकार एजेंसी को सौंपने का आग्रह किया है।

40 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के शिक्षक प्रदर्शनकारी छात्रों के समर्थन में आए
देश की 40 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़ के शिक्षक संघ जेएनयू के प्रदर्शनकारी छात्रों और शिक्षकों के समर्थन में उतर गए हैं। फेडेरेशन ऑफ़ सेंट्रल यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष नंदिता नारायण ने कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर छात्रों के खिलाफ इस तरह की पुलिस कार्रवाई गैर-जरूरी है। जेएनयू हमेशा से अच्छाई के लिए खड़ा रहा है। आज उनके साथ खड़ा होने की ज़रूरत है। वहीं पुणे FTII के छात्रों ने कहा, जो लोग सरकार की विचारधारा का विरोध करने का साहस करते हैं, सरकार उन्हें इसी तरह डराती और तंग करती है।

(इनपुट एजेंसियों से भी...)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
जेएनयू विवाद, कन्हैया, देश विरोधी नारे, जेएनयू, राजनाथ सिंह, दिल्ली पुलिस, JNU Row, Kanhaiya, Rajnath Singh, Delhi Police
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com