
- दिल्ली पुलिस दिल्ली-NCR में विदेशी गैंगस्टरों के लोकल नेटवर्क को खत्म करने के लिए बड़ी कार्रवाई कर रही है.
- विदेशी गैंगस्टर सोशल मीडिया के जरिए बिना केस वाले स्थानीय अपराधियों को हायर कर एक्सटॉर्शन और अपराध करवाते हैं.
- दिल्ली पुलिस ने 58 जगह एक साथ छापेमारी कर बड़ी मात्रा में हथियार, कैश और बुलेटप्रूफ गाड़ियां बरामद की हैं.
दिल्ली पुलिस दिल्ली-NCR के बड़े गैंगस्टर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर रही है. पुलिस की इस कार्रवाई का मकसद विदेश में बैठे गैंगस्टरों के लोकल नेटवर्क को खत्म करना है. विदेश में बैठे गैंगस्टर जैसे कपिल सांगवान हिमांशु भाऊ, रणदीप मलिक अनमोल बिश्नोई, गोल्डी बराड़, लकी पटियाल, दीपक नांदल सुनील सरधनिया, रोहित गोदारा जैसे गैंगस्टरों के लोकल नेटवर्क को तोड़ा जा रहा है. अगर इस लोकल नेटवर्क की कमर टूट जाती है, तो गैंगस्टर्स का दिल्ली और एनसीआर में एक्सटॉर्शन का सिंडिकेट बंद हो जाएगा.
विदेश में बैठे गैंगस्टर ऐसे बनाते हैं लोकल नेटवर्क
विदेश में बैठे गैंगस्टर सोशल मीडिया एप्स के जरिए दिल्ली और एनसीआर में लोकल अपराधियों को हायर करते हैं. ये ऐसे लड़कों को चुनते हैं, जिनके खिलाफ पहले कोई केस नहीं होता है. इन्हें हायर कर दिल्ली और एनसीआर में कारोबारियों के यहां एक्सटॉर्शन के लिए फायरिंग करवाते हैं या कई बार उनकी हत्या भी करवा देते हैं. दिल्ली पुलिस अब ऐसे तमाम लोकल अपराधियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है, उसी के तहत दिल्ली और एनसीआर में करीब 58 जगह पर एक साथ छापेमारी हुई, जिसमें बड़ी मात्रा में हथियार कैश बरामद किया गया और साथ में बुलेट प्रूफ गाड़ियां भी बरामद हुई हैं.

अपराधियों की ऐसे घेराबंदी करती है पुलिस
दिल्ली पुलिस का यह ऑपरेशन इतना आसान भी नहीं है. ऐसे ऑपरेशन बेहद सीक्रेट होते हैं. आखिर दिल्ली पुलिस अपने सीक्रेट ऑपरेशन को कैसे अंजाम देती है, यह हम आपको बताते हैं. पुलिस पहले ऐसे अपराधियों की रेकी करवाती है, जिनके यहां छापेमारी करनी है. रेकी करने के लिए पुलिसकर्मियों की एक स्पेशल टीम तैयार की जाती है. स्पेशल टीम के सदस्यों से उन तमाम अपराधियों की रेकी करवाई जाती है, जिनके यहां छापेमारी होनी है.

जब रेकी पूरी हो जाती है और यह पता चल जाता है कि अपराधी का ठिकाना कहां है, वह किस समय आता-जाता है, उसके बाद छापेमारी की तैयारी शुरू होती है. छापेमारी के लिए सुबह तड़के का एक टाइम फिक्स होता है. छापेमारी में शामिल पुलिस कर्मियों को यह नहीं बताया जाता की छापेमारी किसके यहां करनी है. उनको केवल लोकेशन दी जाती है और जब छापेमारी का समय होता है, तो फिर सभी जगह पर एक साथ छापेमारी शुरू होती है.
यह छापेमारी कई घंटे तक चलती है और इस दौरान आरोपियों के घर की पूरी तलाशी की जाती है कि कहीं उन्होंने घर के अंदर या दफ्तर के अंदर कोई हथियार तो नहीं छुपाया है. छापेमारी के दौरान पुलिस बड़ी मात्रा में कैश हथियार गहने बरामद कर रही है और दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई लगातार जारी है.
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