
जेएनयू मामले पर विरोध मार्च के दौरान हाथों में गुलाब लिए छात्र
नई दिल्ली:
जेएनयू के समर्थन में गुरुवार को नई दिल्ली में जिस मार्च का आयोजन किया गया उसमें हिस्सा लेने वाले लोगों में बहुत से ऐसे थे जिन्होंने में हाथ में गुलाब का फूल थाम रखा था। फूल थामने वालों में देशी और विदेशी हर तरह के छात्र शामिल थे।
पूछे जाने पर इनका कहना था कि इन्हें आशंका थी कि दक्षिणपंथी संगठन इन पर हमला कर सकते हैं। ऐसी सूरत में हिंसा का जवाब हिंसा से देने की बजाय ये हमलावरों को फूल सौंपते। फूल सौंप कर गेट वेल सून भी कहते। दरअसल जब से जेएनयू को लेकर विवाद शुरू हुआ है, जेएनयू के छात्रों पर हमले भी होने लगे हैं।
दक्षिणपंथी संगठन जेएनयू कैम्पस के गेट पर जाकर उग्र प्रदर्शन तो करते ही हैं, पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया कुमार की पेशी के दौरान दो-दो बार जेएनयू के छात्र-शिक्षकों और पत्रकारों पर हमले हो चुके हैं। गुरुवार के मार्च से पहले जेएनयू प्रशासन ने छात्रों से अपील की थी कि वे इस मार्च को न निकालें क्योंकि इससे उनकी सुरक्षा को ख़तरा हो सकता है।
जेएनयू रजिस्ट्रार की तरफ से जारी इस अपील को हालांकि छात्रों ने नहीं माना, अलबत्ता उनमें से सैकड़ों छात्रों ने गुलाब का फूल लेकर मार्च में शामिल होने का फैसला किया। जेएनयू प्रशासन ने दिल्ली पुलिस से अनुरोध किया कि वे मार्च में भाग लेने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
मार्च के दौरान दिल्ली पुलिस और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स के अफसर और जवान बड़ी तादाद में मुस्तैद थे। लेकिन किसी हमले की सूरत में मामला दोनों तरफ से झड़प में न बदले इसके लिए प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथ में फूल थाम रखा था। मार्च के शांतिपूर्ण पूरा हो जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने चैन की सांस ली।
पूछे जाने पर इनका कहना था कि इन्हें आशंका थी कि दक्षिणपंथी संगठन इन पर हमला कर सकते हैं। ऐसी सूरत में हिंसा का जवाब हिंसा से देने की बजाय ये हमलावरों को फूल सौंपते। फूल सौंप कर गेट वेल सून भी कहते। दरअसल जब से जेएनयू को लेकर विवाद शुरू हुआ है, जेएनयू के छात्रों पर हमले भी होने लगे हैं।
दक्षिणपंथी संगठन जेएनयू कैम्पस के गेट पर जाकर उग्र प्रदर्शन तो करते ही हैं, पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया कुमार की पेशी के दौरान दो-दो बार जेएनयू के छात्र-शिक्षकों और पत्रकारों पर हमले हो चुके हैं। गुरुवार के मार्च से पहले जेएनयू प्रशासन ने छात्रों से अपील की थी कि वे इस मार्च को न निकालें क्योंकि इससे उनकी सुरक्षा को ख़तरा हो सकता है।
जेएनयू रजिस्ट्रार की तरफ से जारी इस अपील को हालांकि छात्रों ने नहीं माना, अलबत्ता उनमें से सैकड़ों छात्रों ने गुलाब का फूल लेकर मार्च में शामिल होने का फैसला किया। जेएनयू प्रशासन ने दिल्ली पुलिस से अनुरोध किया कि वे मार्च में भाग लेने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
मार्च के दौरान दिल्ली पुलिस और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स के अफसर और जवान बड़ी तादाद में मुस्तैद थे। लेकिन किसी हमले की सूरत में मामला दोनों तरफ से झड़प में न बदले इसके लिए प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथ में फूल थाम रखा था। मार्च के शांतिपूर्ण पूरा हो जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने चैन की सांस ली।
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