गोपाल राय (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने परिवहन मंत्रालय छोड़ने की पेशकश की है। शुक्रवार को सीएम केजरीवाल से उनके निवास पर मुलाकात के दौरान गोपाल राय ने यह अपील की और उनको परिवहन विभाग की जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए।
सोमवार को प्रेस से बात करते हुए गोपाल राय ने बताया कि "डॉक्टर्स ने मुझे सलाह दी है कि क्योंकि मेरी स्पाइनल इंजरी का तीन महीने इलाज चलेगा इसलिए मुझे अपने काम का काम का बोझ कम करने की ज़रूरत है, इसलिये मैंने सीएम से अपनी ज़िम्मेदारी कम करने के लिए कहा है।'
परिवहन मंत्री गोपाल राय ने यह पेशकश ऐसे समय में की है जब सरकार की ऐप बेस्ड प्रीमियम बस सर्विस की एसीबी जांच चल रही है और एसीबी के सर्वोच्च अधिकारी मुकेश मीणा कह चुके हैं कि परिवहन मंत्री गोपाल राय से भी ज़रूरत पड़ने पर पूछताछ की जा सकती है।
चर्चा यह भी चल रही है कि ऐप बेस्ड प्रीमियम बस सर्विस विवाद के अलावा भी परिवहन मंत्री के तौर पर गोपाल राय न तो दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की स्थिति में सुधार कर पाए और ऊपर से दिसंबर में ऑटो परमिट घोटाला भी सामने आया, जिससे नैतिक तौर पर गोपाल राय पर बहुत दबाव था इसलिए उन्होंने एक बड़ा मंत्रालय छोड़ने की बात कहकर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की।
हालांकि गोपाल राय इन बातों का खंडन किया है कि वह किसी प्रकार के दबाव में ऐसा कर रहे हैं। गोपाल राय ने चुनौती दी है प्रीमियम बस सर्विस मामले में एक पैसे का हेर-फेर अगर साबित हो जाए तो वह पूरी जिंदगी तिहाड़ में बिताने को तैयार हैं।
सोमवार को प्रेस से बात करते हुए गोपाल राय ने बताया कि "डॉक्टर्स ने मुझे सलाह दी है कि क्योंकि मेरी स्पाइनल इंजरी का तीन महीने इलाज चलेगा इसलिए मुझे अपने काम का काम का बोझ कम करने की ज़रूरत है, इसलिये मैंने सीएम से अपनी ज़िम्मेदारी कम करने के लिए कहा है।'
परिवहन मंत्री गोपाल राय ने यह पेशकश ऐसे समय में की है जब सरकार की ऐप बेस्ड प्रीमियम बस सर्विस की एसीबी जांच चल रही है और एसीबी के सर्वोच्च अधिकारी मुकेश मीणा कह चुके हैं कि परिवहन मंत्री गोपाल राय से भी ज़रूरत पड़ने पर पूछताछ की जा सकती है।
चर्चा यह भी चल रही है कि ऐप बेस्ड प्रीमियम बस सर्विस विवाद के अलावा भी परिवहन मंत्री के तौर पर गोपाल राय न तो दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की स्थिति में सुधार कर पाए और ऊपर से दिसंबर में ऑटो परमिट घोटाला भी सामने आया, जिससे नैतिक तौर पर गोपाल राय पर बहुत दबाव था इसलिए उन्होंने एक बड़ा मंत्रालय छोड़ने की बात कहकर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की।
हालांकि गोपाल राय इन बातों का खंडन किया है कि वह किसी प्रकार के दबाव में ऐसा कर रहे हैं। गोपाल राय ने चुनौती दी है प्रीमियम बस सर्विस मामले में एक पैसे का हेर-फेर अगर साबित हो जाए तो वह पूरी जिंदगी तिहाड़ में बिताने को तैयार हैं।
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