प्रदूषण की वजह से पैदा हुई आपात स्थिति को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्यों और ट्रकों की एंट्री पर प्रतिबंध 12 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है. अब दिल्ली और एनसीआर में 12 नवंबर तक निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद रहेगा. साथ ही स्टोन क्रशर और हॉट मिक्स प्लांट बंद रहेंगे. इसके अलावा ऐसे सभी प्लांट्स, जिसमें ईंधन के तौर पर कोयले या बॉयोमॉस का इस्तेमाल होता है वे भी बंद रहेंगे. EPCA और पर्यावरण मंत्रालय के बीच बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है. आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में स्थानीय स्तर पर प्रदूषकों में ‘काफी कमी' आने और पराली जलने से होने वाले प्रदूषण का असर हवा की रफ्तार के कारण ‘मामूली' रहने से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में शनिवार को मामूली सुधार हुआ और यह 'बहुत खराब' की श्रेणी में आ गई है.
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केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, शहर में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 394 दर्ज किया गया जो बहुत ‘खराब श्रेणी' में आता है. इसमें बताया गया कि दिल्ली में 15 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर' दर्ज की गयी जबकि 19 इलाकों में प्रदूषण स्तर ‘बहुत खराब' श्रेणी में रहा. शनिवार को दिल्ली में पीएम 2.5 (हवा में 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास वाले कणों की मौजूदगी) का स्तर 226 जबकि पीएम 10 (हवा में 10 माइक्रोमीटर से कम व्यास वाले कणों की मौजूदगी) का स्तर 331 दर्ज किया गया. वायु गुणवत्ता सूचकांक पर शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को अच्छा, 51 से 100 तक संतोषजनक, 101 से 200 तक सामान्य, 201 से 300 के स्तर को खराब, 301 से 400 के स्तर को बहुत खराब और 401 से 500 के स्तर को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है.
दिवाली के बाद दिल्ली में धुंध, वायु गुणवत्ता में गिरावट
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