
- दिल्ली के चिड़ियाघर में एकमात्र अफ्रीकी हाथी शंकर की बुधवार रात मौत हो गई है.
- शंकर को 1996 में जिम्बाब्वे ने भारत को उपहार में दिया था और 1998 में चिड़ियाघर पहुंचा था.
- मौत के कारणों का पता लगाने के लिए चिड़ियाघर प्रशासन ने विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं.
दिल्ली के चिड़ियाघर में एकमात्र अफ्रीकी हाथी शंकर की मौत हो गई है. मौत का कारण जानने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं. यह जानकारी अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को दी. उन्होंने बताया कि नर हाथी शंकर की बुधवार रात मौत हो गई. शंकर को 1996 में जिम्बाब्वे ने भारत को उपहार में दिया था. यह हाथी 1998 में दिल्ली के चिड़ियाघर पहुंचा था. दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक संजीत कुमार ने बताया कि मौत के कारण का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने कहा, "कारण जानने के लिए विस्तृत जांच की जाएगी." चिड़ियाघर सूत्रों के अनुसार, शंकर पिछले कुछ दिन से ठीक से खाना नहीं खा रहा था.
टेस्ट में बर्ड फ्लू नहीं मिला
आपको बता दें कि दिल्ली चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू (एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस) को लेकर बंद कर दिया गया था. चिड़ियाघर प्रशासन ने बताया है कि अभी तक बर्ड फ्लू से जलीय या प्रवासी पक्षियों की मौत की कोई नई सूचना नहीं है. राहत की बात यह है कि 1 सितंबर के बाद प्रयोगशाला में भेजे गए सभी नमूनों की जांच में वायरस की पुष्टि नहीं हुई है. साथ ही, चिड़ियाघर में किसी भी स्तनधारी जानवर में इस वायरस का पता नहीं चला है.
हालांकि, बीट संख्या 20 के बाड़े में दो जेब्रा फिंच पक्षी मृत पाए गए थे. इनकी मौत के कारणों की जांच के लिए उनके नमूनों को प्रयोगशाला भेजा गया था. अभी तक चिड़ियाघर के अन्य जानवरों में इन्फ्लूएंजा जैसे कोई लक्षण नहीं दिखे हैं. अधिकारियों का कहना है कि वे स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं. पक्षियों, जानवरों और चिड़ियाघर के कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए स्वच्छता और जैव-सुरक्षा नियमों का पालन किया जा रहा है.
चिड़ियाघर कब खुलेगा
चिड़ियाघर प्रबंधन ने बताया कि वे राष्ट्रीय प्राणी उद्यान के मानक प्रोटोकॉल और दिशानिर्देशों के अनुसार काम कर रहे हैं, ताकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके. सभी जरूरी सावधानियां बरती जा रही हैं और चिड़ियाघर पूरी तरह सतर्क है.
चिड़ियाघर को फिर से खोलने का फैसला सक्षम प्राधिकारी द्वारा लिया जाएगा. यह निर्णय उचित दिशानिर्देशों का पालन करने के बाद ही होगा और फैसले के बारे में सभी को समय पर सूचित किया जाएगा. प्रबंधन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और आधिकारिक जानकारी का इंतजार करें.
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