दिल्ली में दलित किशोरी के कथित बलात्कार और हत्या के मामले में तीन दिन बाद पीड़ित मां ने सनसनीखेज खुलासा किया है. पुलिस अभी तक मामले में सही कारण तक नहीं पहुंची है. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया था कि उनकी सहमति के बिना किशोरी का दाह संस्कार किया गया था. इस मामले ने संसद के मॉनसून सत्र में राजनीतिक विवाद को भी जन्म दे दिया है.
बता दें कि रविवार को गरीब परिवार की नौ वर्षीय बच्ची कूलर से पीने का पानी लेने अपने घर के पास श्मशान घाट गई थी, लेकिन वह वापस नहीं आई. शाम करीब 6 बजे, श्मशान घाट के पुजारी राधेश्याम को जानने वाले स्थानीय लोगों ने उसकी मां को श्मशान में बुलाया और उसे उसकी बेटी का शव दिखाया. उन्होंने दावा किया कि उसे करंट लगा था.
लड़की की मां ने कहा कि पुजारी ने किशोरी के अंतिम संस्कार के वक्त उससे कहा "घर जाओ और सो जाओ. इसके बारे में चिल्लाओ और रोना मत."
मामले में पुजारी और तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और उनपर कड़े कानूनों के तहत आरोप लगाए गए हैं. आरोपियों पर बाल यौन शोषण और अनुसूचित जाति जनजाति धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
बच्ची के परिजनों का आरोप है कि उसके साथ दुष्कर्म कर हत्या की गई. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आज कहा कि पोस्टमॉर्टम में कुछ साफ नहीं हो सका है. उन्होंने कहा कि चारों आरोपी अब लाई डिटेक्टर और ड्रग टेस्ट का सामना करेंगे.
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