
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
केजरीवाल के निजी सचिव राजेंद्र कुमार के दफ्तर में सीबीआई के छापे के मामले में हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस केस से उनका नाम हटाने की अर्जी मंजूर कर ली है। दिल्ली सरकार ने छापे को सीबीआई और केंद्र की राजनीति करार दिया है। जबकि सीबीआई ने दिल्ली सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
सीबीआई के मुताबिक जब्त दस्तावेज शुरुआती सबूत हैं जिन्हें सरकार को वापस नहीं किया जाना चाहिए। दरअसल सीबीआई ने पटियाला हाउस कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें रेड पर सवाल उठाते हुए दस्तावेज दिल्ली सरकार को वापस करने के आदेश दिए गए थे।
केजरीवाल के प्रमुख सचिव राजेंद्र कुमार ने हाईकोर्ट में कहा कि वे इस केस में कहीं भी पार्टी नहीं हैं। उनका सीबीआई या दिल्ली सरकार के बीच कानूनी लड़ाई से सरोकार नहीं है। उन्हें अखबार से पता चला कि वे भी पार्टी हैं और सीबीआई की याचिका पर उन्हें भी जवाब के लिए नोटिस दिया गया है। लिहाजा उनका नाम केस से हटाया जाए। दिल्ली हाईकोर्ट ने उनका नाम हटाने की अर्जी मंजूर की।
सीबीआई के मुताबिक जब्त दस्तावेज शुरुआती सबूत हैं जिन्हें सरकार को वापस नहीं किया जाना चाहिए। दरअसल सीबीआई ने पटियाला हाउस कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें रेड पर सवाल उठाते हुए दस्तावेज दिल्ली सरकार को वापस करने के आदेश दिए गए थे।
केजरीवाल के प्रमुख सचिव राजेंद्र कुमार ने हाईकोर्ट में कहा कि वे इस केस में कहीं भी पार्टी नहीं हैं। उनका सीबीआई या दिल्ली सरकार के बीच कानूनी लड़ाई से सरोकार नहीं है। उन्हें अखबार से पता चला कि वे भी पार्टी हैं और सीबीआई की याचिका पर उन्हें भी जवाब के लिए नोटिस दिया गया है। लिहाजा उनका नाम केस से हटाया जाए। दिल्ली हाईकोर्ट ने उनका नाम हटाने की अर्जी मंजूर की।
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