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दिल्ली-एनसीआर की हवा हुई और 'जहरीली', सांस लेना हो रहा मुश्किल, जानें कहां कितना AQI लेवल

बाढ़ और फसलों की कटाई में देरी के कारण पंजाब तथा हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 77.5 प्रतिशत की कमी के बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है. यहां कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के पार हो गया है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से निर्धारित सीमा से 24 गुना अधिक है.

दिल्ली-एनसीआर की हवा हुई और 'जहरीली', सांस लेना हो रहा मुश्किल, जानें कहां कितना AQI लेवल
दिल्ली-एनसीआर में हर चार में से तीन परिवार जहरीली हवा के दुष्प्रभाव महसूस कर रहे...
  • दिल्ली-एनसीआर में ठंड बढ़ने के साथ वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया है, एक्यूआई कई जगह 400 से ऊपर है
  • आनंद विहार में रविवार सुबह एक्यूआई 430 और वजीरपुर में 406 दर्ज हुआ, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है
  • दिल्ली-एनसीआर के तीन में से चार परिवार जहरीली हवा के दुष्प्रभाव महसूस कर रहे
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नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली-एनसीआर में जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है, वैसे-वैसे हवा और जहरीली होती जा रही है. दिल्‍ली में एक्‍यूआई लेवल कई जगह 400 के पार पहुंच गया है. रविवार सुबह आनंद विहार में एक्‍यूआई लेवल 430 दर्ज किया गया. वहीं, वजीरपुर में यह 406 रहा. जहरीली हवा का असर लोगों पर दिखने भी लगा है. दिल्ली-एनसीआर में हर चार में से तीन परिवार अभी से जहरीली हवा के दुष्प्रभाव महसूस कर रहे हैं, जिनमें गले में खराश और खांसी से लेकर आंखों में जलन, सिरदर्द और नींद संबंधी परेशानियां शामिल हैं. ‘लोकल सर्किल्स' की ओर से किए गए एक ऑनलाइन सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है.

दिल्‍ली में कहां कितनी जहरीली हवा 

रविवार की सुबह दिल्‍ली-एनसीआर के आसमान पर स्‍मॉग की चादर नजर आ रही है. दिल्‍ली का औसत एक्‍यूआई लेवल सुबह 6 बजे 320 दर्ज किया गया. सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, आनंद विहार में सुबह 6 बजे एक्यूआई 430 रहा, जो ‘गंभीर' श्रेणी में आता है और यह सभी निगरानी केंद्रों में सबसे अधिक है. इसके बाद वजीरपुर में एक्‍यूआई लेवल 406 दर्ज किया गया. इसके अलावा विवेक विहार में 372, सोनिया विहार में 329, शादीपुर में 334, रोहिणी में 359, पंजाबी बाग में 352, पड़पड़ गंज 338, नेहरू नगर में 334, मुंडका में 353, जहांगीरपुरी में 372, आईटीओ चौक पर 325 और चांदनी चौक में 375 एक्‍यूआई लेवल दर्ज किया.  

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प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्‍तर पर 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में पीएम 2.5 कणों का स्तर 488 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है, जबकि त्योहार से पहले के स्तर यानी 156.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से तीन गुना ज्यादा है. दिवाली की रात 20 अक्टूबर को और इसकी अगली सुबह प्रदूषण का स्तर अपने चरम पर था. 

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पराली जलनी हुई कम, फिर क्‍यों बढ़ रहा प्रदूषण? 

बाढ़ और फसलों की कटाई में देरी के कारण पंजाब तथा हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 77.5 प्रतिशत की कमी के बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है. यहां कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के पार हो गया है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से निर्धारित सीमा से 24 गुना अधिक है. सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, शनिवार सुबह दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 261 था, जो ‘खराब' श्रेणी में आता है, जबकि एक दिन पहले यह 290 दर्ज किया गया था.

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