30-वर्षीय व्यापारी ने गुड़गांव के एक पब में नया लिक्विड नाइट्रोजन कॉकटेल पिया था...
नई दिल्ली:
किसी भी बार या पब में जाने पर आमतौर पर नए-नए कॉकटेल नज़र आ ही जाते हैं, लेकिन ये सजावटी ड्रिंक कितने खतरनाक साबित हो सकते हैं, यह दिल्ली के एक व्यापारी को उस समय पता चला, जब गुड़गांव के एक पब लिक्विड नाइट्रोजन से लैस एक कॉकटेल पीने के बाद उसने खुद को पेट में एक छेद के साथ अस्पताल में दाखिल पाया.
13 अप्रैल को यह 30-वर्षीय व्यापारी अपने मित्रों के साथ गुड़गांव के एक पब में गया था, जहां उसने नया कॉकटेल देखकर उसे आज़माने का सोचा, और एक के बाद एक दो ड्रिंक पी लिए. लिक्विड नाइट्रोजन की वजह से उठ रहे धुएं के भी खत्म होने से पहले गटके गए पहले ड्रिंक के बाद उसे कुछ अजीब-सा लगा था, लेकिन उसने परवाह नहीं की, और दूसरा ड्रिंक भी पी लिया.
युवक ने समाचारपत्र 'हिन्दुस्तान टाइम्स' को बताया, "कुछ ही सेकंड में मेरा पेट फूलना शुरू हो गया, और नाकाबिल-ए-बर्दाश्त दर्द होने लगा... सांस लेना भी मुश्किल हो गया था..."
इसके बाद उसे तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसके पेट के भीतर एक सुराख पाया. कई रिपोर्टों में डॉक्टरों के हवाले से कहा गया है, "उसका पेट किसी किताब की तरह खुला हुआ था..." डॉक्टरों को उसके पेट का एक हिस्सा काटकर अलग कर देना पड़ा. दरअसल, लिक्विड नाइट्रोजन से निकलने वाली गैस को बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिला था, सो, उसने पेट में ही सुराख कर डाला था.
व्यवसायी का ऑपरेशन करने वाले एक डॉक्टर ने समाचारपत्र 'टाइम्स ऑफ इंडिया' को बताया कि सर्जरी करने वाली टीम को इतना भरोसा भी नहीं था कि वह बच पाएगा.
13 अप्रैल को यह 30-वर्षीय व्यापारी अपने मित्रों के साथ गुड़गांव के एक पब में गया था, जहां उसने नया कॉकटेल देखकर उसे आज़माने का सोचा, और एक के बाद एक दो ड्रिंक पी लिए. लिक्विड नाइट्रोजन की वजह से उठ रहे धुएं के भी खत्म होने से पहले गटके गए पहले ड्रिंक के बाद उसे कुछ अजीब-सा लगा था, लेकिन उसने परवाह नहीं की, और दूसरा ड्रिंक भी पी लिया.
युवक ने समाचारपत्र 'हिन्दुस्तान टाइम्स' को बताया, "कुछ ही सेकंड में मेरा पेट फूलना शुरू हो गया, और नाकाबिल-ए-बर्दाश्त दर्द होने लगा... सांस लेना भी मुश्किल हो गया था..."
इसके बाद उसे तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसके पेट के भीतर एक सुराख पाया. कई रिपोर्टों में डॉक्टरों के हवाले से कहा गया है, "उसका पेट किसी किताब की तरह खुला हुआ था..." डॉक्टरों को उसके पेट का एक हिस्सा काटकर अलग कर देना पड़ा. दरअसल, लिक्विड नाइट्रोजन से निकलने वाली गैस को बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिला था, सो, उसने पेट में ही सुराख कर डाला था.
व्यवसायी का ऑपरेशन करने वाले एक डॉक्टर ने समाचारपत्र 'टाइम्स ऑफ इंडिया' को बताया कि सर्जरी करने वाली टीम को इतना भरोसा भी नहीं था कि वह बच पाएगा.
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