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This Article is From Dec 04, 2016

हैपेटाइटिस डे : इस गंभीर बीमारी से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी

हैपेटाइटिस डे : इस गंभीर बीमारी से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी
नई दिल्ली: जो बच्चा जन्म लेता है, उसे हैपेटाइटिस से बचाना बहुत जरूरी है. बहुत कम लोग जानते हैं कि ये बीमारी मां से शिशु तक पहुंच जाती है. ऐसे में ये सभी को तय करना है कि इस बारे में जागरुकता फैले और पैदा होने वाले बच्चों को हैपेटाइटिस का टीका लगवाएं. इंस्टीटयूट ऑफ लीवर एंड बाइलेरी साइंसेज ILBS के डायरेक्टर डॉ शिव कुमार सरीन के मुताबिक अगर आप सर्जरी करवाने विदेश जाना चाहते हैं तो अगर आपको हैपेटाइटिस बी है तो वीजा नहीं मिलेगा जबकि HIV पॉजिटिव है तो आपको वीजा मिल जाएगा.

अगर देखा जाए तो किसी को जन्म के वक्त से ये बीमारी है तो उसकी क्या गलती है. लेकिन जब तक इस बीमारी का पता चले काफी वक्त गुजर जाता है. अगर शुरुआत में इस वायरस का पता चल जाए तो इसका उपचार आसान हो जाता है तो ऐसे में जरूरी है कि इस गंभीर बीमारी से मुक्त करने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएं. साथ ही इससे पीड़ित होने वालों का सही इलाज भी किया जाए. डॉ सरीन ने इसके लिए सभी मौजूद लोगों को शपथ दिलाई.

डॉ सरीन ने कहा कि 18 साल पहले ये लड़ाई शुरु हुई जो अब तक चल रही है. इस मुहिम में लगातार लोग जुड़ते जा रहे हैं. स्कूली बच्चों ने भी इस अभियान में खासा उत्साह दिखाया है. इंस्टीटयूट ऑफ लीवर एंड बाइलेरी साइंसेज ILBS में 19वें हैपेटाइटिस डे के मौके पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान मां के जरिए बच्चे को ट्रांसमिट होने वाले हैपेटाइटिस पर जागरुकता अभियान शुरु किया गया. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा भी मौजूद रहे. हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा ने दिल्ली सरकार को राय दी कि हर स्कूल में ये नियम हो कि दाखिले से पहले बच्चे की ब्लड टेस्ट रिपोर्ट भी देनी होगी तो इस समस्या पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है.

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