दिल्ली हाई कोर्ट ने एक एक महिला पर अपने पुरुष सहकर्मी के खिलाफ यौन शोषण की झूठी शिकायत दर्ज कराने के लिए 50,000 का जुर्माना लगाया है. न्यायमूर्ति जेआर मिढा की अध्यक्षता वाली कोर्ट की सिंगल जज बेंच ने 9 जुलाई को याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगा दिया. अदालत ने महिला को दिल्ली हाई कोर्ट के एडवोकेट वेलफेयर ट्रस्ट में राशि जमा करने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ता महिला ने आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती देते हुए आदमी को दिए गए रिटायरमेंट लाभों को खारिज करने की मांग की थी जिसके खिलाफ उसने शिकायत दर्ज की थी.
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महिला ने आरोप लगाया था कि 2011 में उसके सीनियर ने यौन शोषण किया था. शिकायत के बाद एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन उन आरोपों की जांच करने के लिए किया गया, जिसमें व्यक्ति ने शिकायत में आरोपों का खंडन किया था. व्यक्ति ने कहा था कि महिला ने ईर्ष्या की वजह से उसके खिलाफ शिकायत की है क्योंकि उसने महिला की अनुपस्थिति में कुछ आधिकारिक कामों को निपटा दिया था. इसी को लेकर महिला नाराज थी.
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समिति को घटना के संबंध में कोई सटीक जानकारी नहीं मिल सकी और आदमी को संदेह के आधार पर लाभ मिल गया. जांच के रिकॉर्ड पर ध्यान देने के बाद बेंच ने माना कि महिला की शिकायत झूठी थी और उसकी याचिका खारिज कर दी गई. इतना ही नहीं कोर्ट ने महिला के नियोक्ता को भी झूठी शिकायत दर्ज करने के लिए उसके खिलाफ उचित कार्रवाई करने की छूट दी है. (इनपुट-एनएनआई)
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