
दिल्ली में शराब नीति का मामला पिछले कुछ वक्त पहले तक लगातार सुर्खियों में रहा था और इसे लेकर पिछली सरकार पर जमकर आरोप लगे थे. हालांकि अब शराब की बिक्री से दिल्ली सरकार को बंपर कमाई हुई है. सरकार ने विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है. हालांकि इसके मुकाबले में दिल्ली में दूध और दूध से बने उत्पादों से आय बहुत ही कम रही है. दिल्ली सरकार ने बताया कि पुरानी आबकारी नीति के तहत अब दिल्ली में सिर्फ सरकारी खुदरा दुकानों को ही काम करने की अनुमति है.
दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायक अभय वर्मा के पूछे एक सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि साल 2024-25 में आबकारी कर और वैट के रूप में 5068.92 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है. हालांकि इसके मुकाबले में दूध और दूध से बने उत्पादों से दिल्ली सरकार को करीब 209.9 करोड़ का जीएसटी प्राप्त हुआ. दोनों आंकड़े फरवरी महीने तक के हैं.
फिर से लागू की गई थी पुरानी शराब नीति
सरकार ने बताया कि शराब पर टैक्स से साल 2024-23 में 5164 करोड़, 2023-22 में 5547 करोड़ और 2022-21 में 5487 करोड़ रुपए का राजस्व मिला. सरकार ने बताया कि नवंबर 2021 से अगस्त 2022 तक दिल्ली में नई शराब नीति लागू होने के कारण निजी दुकानों को ही शराब ब्रिकी हो रही थी. हालांकि सितंबर 2022 में जब फिर से पुरानी शराब नीति को लागू किया गया तो सरकारी शराब की दुकानों को काम करने की इजाजत मिली.
2023-24 में 21.27 करोड़ लीटर शराब बिकी
इसके साथ ही दिल्ली में साल 2023-24 में 21.27 करोड़ लीटर शराब की बिक्री हुई तो साल 2022-23 में यह आंकड़ा 25.84 करोड़ लीटर शराब बिक्री का था. वहीं दूध से सरकार को 2023-24 में करीब 300 करोड़ और 2022-23 में 365 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी.
बता दें कि नई शराब नीति को ही मुद्दा बनाकर भाजपा विधानसभा चुनावों में जनता के बीच गई थी. इस नीति के कारण ही आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया समेत कई नेता जेल गए थे.
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