पीरागढ़ी में पकड़ी गई नकली सिक्के बनाने की फैक्ट्री.
नई दिल्ली:
दिल्ली के पीरागढ़ी गांव की एक संकरी गली में नकली सिक्के बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई है. क्राइम ब्रांच ने यहां छापा मारकर 10 रुपये के सिक्के बनाने की मशीनें और सिक्के बरामद किए हैं. देश में नकली सिक्के बनाने का गोरखधंधा चलाने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड स्वीकार लूथरा और उपकार लूथरा हैं. यह दोनों आरोपी फरार हैं. पुलिस उनकी तलाश में जुटी है.
पीरगढ़ी में करीब छह माह से चल रही उक्त फैक्ट्री को सील कर दिया गया है. फैक्ट्री के बाहर लिखा है कि किसी का भी अंदर आना मना है. इस गोरखधंधे की भनक आसपास रहने वाले लोगों को भी नहीं थी.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के मुताबिक 13 अक्टूबर को रोहिणी इलाके से संजय शर्मा और डाबड़ी के सुनील कुमार को पकड़ा गया और उनके पास से 10 रुपये के 600 नकली सिक्के पकड़े गए. इसके बाद दोनों की निशानदेही पर पीरागढ़ी की फैक्ट्री से 200 सिक्के और बरामद हुए. जांच में यह भी पता चला कि यह फैक्ट्री नरेश कुमार की मदद से चलाई जा रही थी जिसे हाल ही में बाहरी दिल्ली पुलिस ने नकली सिक्कों के साथ गिरफ्तार किया था और बवाना इलाके से एक नकली सिक्के बनाने की फैक्ट्री भी पकड़ी थी. नकली सिक्के बनाने का गोरखधंधा करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड स्वीकार लूथरा.
जांच में पता चला कि दिल्ली पुलिस ने एक माह के अंदर नकली सिक्के बनाने की जिन तीन फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया है उन सभी मामलों में मास्टरमाइंड दो सगे भाई उपकार लूथरा और स्वीकार लूथरा हैं. बवाना में पकड़ी गई फैक्ट्री लूथरा ब्रदर्स की थी जबकि अंबाला और दिल्ली के पीरागढ़ी की फैक्ट्री को लगाने में दोनों ने मदद की.
लूथरा ब्रदर्स पहले नेपाल में फैक्ट्री लगाकर नकली सिक्के बनाते थे. उनके साथ काम करने वाले रमेश कुमार ने जब नकली सिक्कों की फैक्ट्री भारत में शुरू की तो दोनों ने रमेश की हत्या कर दी. उनके बाद दोनों भाइयों ने भारत में नकली टकसाल का कारोबार बड़े पैमाने पर शुरू किया. पुलिस को शक है कि लूथरा ब्रदर्स देश से बाहर भाग चुके हैं.
पीरगढ़ी में करीब छह माह से चल रही उक्त फैक्ट्री को सील कर दिया गया है. फैक्ट्री के बाहर लिखा है कि किसी का भी अंदर आना मना है. इस गोरखधंधे की भनक आसपास रहने वाले लोगों को भी नहीं थी.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के मुताबिक 13 अक्टूबर को रोहिणी इलाके से संजय शर्मा और डाबड़ी के सुनील कुमार को पकड़ा गया और उनके पास से 10 रुपये के 600 नकली सिक्के पकड़े गए. इसके बाद दोनों की निशानदेही पर पीरागढ़ी की फैक्ट्री से 200 सिक्के और बरामद हुए. जांच में यह भी पता चला कि यह फैक्ट्री नरेश कुमार की मदद से चलाई जा रही थी जिसे हाल ही में बाहरी दिल्ली पुलिस ने नकली सिक्कों के साथ गिरफ्तार किया था और बवाना इलाके से एक नकली सिक्के बनाने की फैक्ट्री भी पकड़ी थी.
जांच में पता चला कि दिल्ली पुलिस ने एक माह के अंदर नकली सिक्के बनाने की जिन तीन फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया है उन सभी मामलों में मास्टरमाइंड दो सगे भाई उपकार लूथरा और स्वीकार लूथरा हैं. बवाना में पकड़ी गई फैक्ट्री लूथरा ब्रदर्स की थी जबकि अंबाला और दिल्ली के पीरागढ़ी की फैक्ट्री को लगाने में दोनों ने मदद की.
लूथरा ब्रदर्स पहले नेपाल में फैक्ट्री लगाकर नकली सिक्के बनाते थे. उनके साथ काम करने वाले रमेश कुमार ने जब नकली सिक्कों की फैक्ट्री भारत में शुरू की तो दोनों ने रमेश की हत्या कर दी. उनके बाद दोनों भाइयों ने भारत में नकली टकसाल का कारोबार बड़े पैमाने पर शुरू किया. पुलिस को शक है कि लूथरा ब्रदर्स देश से बाहर भाग चुके हैं.
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