- दिल्ली के लाल किला के पास हुए ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत हुई और जांच जारी है
- फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉक्टर शाहीना शाहिद को जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग की कमान सौंपी गई थी
- शाहीना शाहिद अल फला यूनिवर्सिटी में पढ़ती थीं और उनका व्यवहार अनुशासनहीन बताया गया है
दिल्ली में लाल किला के पास हुए ब्लास्ट मामले में 12 लोगों की मौत हुई. इस जोरदार धमाके ने देश की राजधानी को दहला दिया. दिल्ली ब्लास्ट की तह में जाने की हर कवायद की जा रही है. इस बीच इस ब्लास्ट में एक नाम सामने आया है शाहीना शाहिद. फरीदाबाद से गिरफ्तार की गई शाहीना पेशे से डॉक्टर है और उसे ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग "जमात-उल-मोमिनात" की भारत में कमान सौंपी गई थी. अब Al Falah University के एक प्रोफेसर ने शाहीन शाहिद को लेकर एनडीटीवी संग बातचीत की.
शाहीना कुछ नहीं बताती थी...
Al Falah University के एक प्रोफेसर ने NDTV से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि शाहीना शाहिद अनुशासन में नहीं रहती थी. वो अक्सर बिना बताए कॉलेज से चली जाती थी और किसी को भी नहीं बताती थी. प्रोफेसर ने यह भी खुलासा किया कि उनसे मिलने कॉलेज में कई लोग आते थे और उनका व्यवहार अक्सर अजीब रहता था. इनकी शिकायत मैनेजमेंट तक पहुंची थी. अब NIA इस मामले की जांच करेगी और यूनिवर्सिटी पूरी तरह सहयोग करेगी. प्रोफेसर का कहना है कि शाहीना के पुराने रिकॉर्ड भी खंगाले जाने चाहिए कि वह किन-किन जगहों पर काम कर चुकी है. उन्होंने कहा—“हमने कभी इस तरह से उस पर शक नहीं किया था.”
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क्या कर रही थी शाहीना
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, शाहीना को भारत में महिलाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ने और संगठन के लिए भर्ती करने की जिम्मेदारी मिली थी. यह महिला विंग जैश की नई रणनीति का हिस्सा है, जिसमें महिलाओं को मनोवैज्ञानिक युद्ध, प्रचार और फंडिंग जैसे कार्यों में शामिल किया जा रहा है. इस संगठन की अगुवाई पाकिस्तान में मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर कर रही है. सादिया का पति यूसुफ अजहर कंधार हाईजैक मामले में एक प्रमुख मास्टरमाइंड था. जैश ने महिलाओं को धार्मिक जिम्मेदारियों और जिहाद के नाम पर जोड़ने की योजना बनाई है, जिसमें उन्हें प्रशिक्षण देकर संगठन के मिशन में शामिल किया जा रहा है. भारत में डॉक्टर शाहीना जैसे लोगों के जरिए यह नेटवर्क फैलाने की योजना थी.
टेलीग्राम ग्रुप में जुड़े थे डॉक्टर
अल फला यूनिवर्सिटी करीब 70 एकड़ में फैली है. वहां सैकड़ों छात्र पढ़ते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या शाहीना ने और भी छात्रों या अपने साथ काम करने वालों को जिहाद के काम के लिए मोटिवेट किया है? जानकारी मिली है कि टेलीग्राम पर एक ग्रुप बना हुआ था, जिसमें लोगों को रेडिक्लाइज किया जा रहा था और इसी ग्रुप में कई सारे डॉक्टर थे, जो मारे गए हैं या पकड़े गए हैं. इसके अलावा पाकिस्तान में बैठे हैंडलर सोशल मीडिया ऐप के जरिए इनके संपर्क में थे.खासकर शाहीना को ये जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि वह भारत में महिलाओं को जिहाद के मोटिवेट करे और उन्हें आतंक के लिए भर्ती करें.
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