24 नवंबर को धर्मेंद्र के निधन से बॉलीवुड ही नहीं, लाखों-करोड़ों फैंस का दिल टूट गया. ‘ही-मैन' के नाम से मशहूर इस सुपरस्टार ने सैकड़ों फिल्में कीं, लेकिन अपने पंजाब के गांव और जड़ों को कभी नहीं भुलाया. अब उनके निधन के बाद एक दिल छू लेने वाली खबर सामने आई है. धर्मेंद्र ने अपनी पुश्तैनी संपत्ति अपने किसी भी बच्चे – सनी देओल, बॉबी देओल, अजीता, विजेता, ईशा देओल या अहाना देओल को नहीं दी. बल्कि उन्होंने यह जमीन-जायदाद अपने जीवनकाल में ही अपने चाचा के बच्चों (यानी भतीजों और पोतों) को दान में दे दी थी.
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धर्मेंद्र ने क्यों की संपत्ति दान
धर्मेंद्र का पुश्तैनी घर पंजाब के लुधियाना जिले के डंगों गांव में है. बचपन के शुरुआती तीन साल वे यहीं बिताए थे. वह पुराना मिट्टी-ईंट का छोटा-सा घर आज करोड़ों रुपयों का हो चुका है. लगभग ढाई एकड़ में फैली यह जमीन अब करीब 5 करोड़ रुपए की बताई जा रही है. धर्मेंद्र ने 8-10 साल पहले ही अपनी वसीयत बना ली थी, जब उनकी तबीयत पूरी तरह ठीक थी. उन्होंने सोचा कि उनके अपने बच्चे मुंबई में व्यस्त हैं, वे इस पुश्तैनी घर-जमीन की देखभाल नहीं कर पाएंगे. लेकिन उनके चाचा के परिवार वाले आज भी उसी इलाके में रहते हैं और सदियों पुरानी इस विरासत को संभालते आए हैं.
रिश्तों पर मायने देते थे धर्मेंद्र
इसलिए धर्मेंद्र ने सारी संपत्ति अपने भतीजों और चाचा के पोतों को सौंप दी. इनमें बूटा सिंह भी शामिल हैं, जो आज भी लुधियाना की एक कपड़ा मिल में काम करते हैं. धर्मेंद्र का यह फैसला पैसे से ज्यादा रिश्तों और जिम्मेदारी की भावना से भरा था. उन्होंने अपने पिता से जो संस्कार लिया था, उसी को नाते यह कदम उठाया. लाखों-करोड़ों कमाने वाले इस सितारे ने आखिर तक अपनी जड़ों का मान रखा.
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