फाइल फोटो
नई दिल्ली:
वायु प्रदूषण पर नजर रखने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी ‘सफर’ (सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च) ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में हवा की क्वालिटी 'खराब' हो गई है और अगले कुछ दिनों में हालात और खराब होंगे. वायु गुणवत्ता सूचकांक के 'खराब' होने का मतलब है कि लोग यदि ऐसी हवा में लंबे समय तक रहें तो उन्हें सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ेगा. हवा की गुणवत्ता यदि इससे भी ज्यादा खराब हुई तो वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बेहद खराब' और 'गंभीर' के स्तर पर चला जाएगा. बेहद सूक्ष्म प्रदूषक कण पीएम 2.5 और पीएम 10 का दिन भर का औसत 178 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और 94 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘खराब’ के स्तर पर रहा.
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सीपीसीबी के एक अधिकारी ने प्रदूषण के स्तर में हुई इस बढ़ोतरी के लिए पंजाब एवं हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली (फसल के अवशेष) जलाने, 'साइक्लोनिक सर्कुलेशन' (कम दबाव का क्षेत्र होने के कारण हवा का घूर्णन गति में चलना) और हवा की रफ्तार में गिरावट को जिम्मेदार करार दिया. ‘सफर’ के मुताबिक, अगले तीन दिनों में पीएम 2.5 का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और पीएम 10 का स्तर करीब 190 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को पार कर जाएगा. पीएम 2.5 और पीएम 10 के लिए निर्धारित मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है.
VIDEO : जानलेवा हो गई है आबोहवा
सीपीसीबी के 17 निगरानी स्टेशनों में से नौ ने हवा की खराब गुणवत्ता दर्ज की जबकि दो ने बेहद खराब गुणवत्ता दर्ज की. 'सफर' के चार स्टेशनों में हवा की गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में रही. (इनपुट भाषा से)
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सीपीसीबी के एक अधिकारी ने प्रदूषण के स्तर में हुई इस बढ़ोतरी के लिए पंजाब एवं हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली (फसल के अवशेष) जलाने, 'साइक्लोनिक सर्कुलेशन' (कम दबाव का क्षेत्र होने के कारण हवा का घूर्णन गति में चलना) और हवा की रफ्तार में गिरावट को जिम्मेदार करार दिया. ‘सफर’ के मुताबिक, अगले तीन दिनों में पीएम 2.5 का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और पीएम 10 का स्तर करीब 190 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को पार कर जाएगा. पीएम 2.5 और पीएम 10 के लिए निर्धारित मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है.
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सीपीसीबी के 17 निगरानी स्टेशनों में से नौ ने हवा की खराब गुणवत्ता दर्ज की जबकि दो ने बेहद खराब गुणवत्ता दर्ज की. 'सफर' के चार स्टेशनों में हवा की गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में रही. (इनपुट भाषा से)
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