नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस ने अभिषेक और प्रदीप नाम के दो ऑटो ड्राइवरों को गिरफ्तार किया है. दोनों पर 21 साल की महिला के साथ गैंगरेप का आरोप है. उनके ऑटो भी जब्त कर लिए हैं.
महिला के मुताबिक वह गुरुवार रात करीब 8 बजे अपनी 2 साल की बच्ची के साथ लुधियाना से नई दिल्ली स्टेशन आयी. यहां उसने लखनऊ जाने वाली ट्रेन की जानकारी लेनी चाही, तभी दोनों ऑटो ड्राइवर उसे गुमराह कर अपने साथ लक्ष्मी नगर के पास यमुना पुस्ता पर ले गए और उसके साथ गैंगरेप किया.
रेलवे पुलिस के डीसीपी एम.एम. डुंबेरे के मुताबिक शुक्रवार सुबह आरोपी पीड़ित महिला को वापस नई दिल्ली रेलवे स्टेशन ले आए. उसके बाद महिला ने शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस ने ऑटोवालों से पूछताछ और सीसीटीवी फुटेज की मदद से दोनों आरोपियों को धर दबोचा. पूछताछ में पता चला कि दोनों बिहार के रहने वाले हैं. इनके पास न तो ड्राइविंग लाइसेंस है और न बैज अब पुलिस ऑटो मालिकों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है.
पुलिस का कहना है कि वह ट्रैफिक पुलिस और ऑटो यूनियन से मीटिंग कर कोई ऐेसा सिस्टम बनाएगी, जिससे इस तरह के ऑटो स्टेशन के अंदर दाखिल ही न हो पाएं. वहीं ऑटो यूनियन के नेता राजेंद्र सोनी के मुताबिक इस तरह की घटना से सभी ऑटो वाले बदनाम होते हैं. वह मांग करते हैं कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाए. उनका यह भी कहना है रात में दिल्ली में 50 प्रतिशत ऑटो ऐसे चलते हैं, जिनके पास कोई ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होता.
दिल्ली में ऑटो ड्राइवरों की मनमानी से तो हर कोई परेशान है, लेकिन इस मामले ने तो दिल्ली के पब्लिक ट्रासपोर्ट को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
महिला के मुताबिक वह गुरुवार रात करीब 8 बजे अपनी 2 साल की बच्ची के साथ लुधियाना से नई दिल्ली स्टेशन आयी. यहां उसने लखनऊ जाने वाली ट्रेन की जानकारी लेनी चाही, तभी दोनों ऑटो ड्राइवर उसे गुमराह कर अपने साथ लक्ष्मी नगर के पास यमुना पुस्ता पर ले गए और उसके साथ गैंगरेप किया.
रेलवे पुलिस के डीसीपी एम.एम. डुंबेरे के मुताबिक शुक्रवार सुबह आरोपी पीड़ित महिला को वापस नई दिल्ली रेलवे स्टेशन ले आए. उसके बाद महिला ने शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस ने ऑटोवालों से पूछताछ और सीसीटीवी फुटेज की मदद से दोनों आरोपियों को धर दबोचा. पूछताछ में पता चला कि दोनों बिहार के रहने वाले हैं. इनके पास न तो ड्राइविंग लाइसेंस है और न बैज अब पुलिस ऑटो मालिकों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है.
पुलिस का कहना है कि वह ट्रैफिक पुलिस और ऑटो यूनियन से मीटिंग कर कोई ऐेसा सिस्टम बनाएगी, जिससे इस तरह के ऑटो स्टेशन के अंदर दाखिल ही न हो पाएं. वहीं ऑटो यूनियन के नेता राजेंद्र सोनी के मुताबिक इस तरह की घटना से सभी ऑटो वाले बदनाम होते हैं. वह मांग करते हैं कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाए. उनका यह भी कहना है रात में दिल्ली में 50 प्रतिशत ऑटो ऐसे चलते हैं, जिनके पास कोई ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होता.
दिल्ली में ऑटो ड्राइवरों की मनमानी से तो हर कोई परेशान है, लेकिन इस मामले ने तो दिल्ली के पब्लिक ट्रासपोर्ट को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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