नई दिल्ली:
पिछले हफ्ते दक्षिण दिल्ली के एक प्रायवेट स्कूल कैंपस में 6 साल के बच्चे का शव मिला था। इस मामले में बच्चे के अभिभावकों ने सीबीआई जांच की मांग की है, वहीं दिल्ली सरकार द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में स्कूल प्राधिकरण के हाथों हुई कथित 'लापरवाहियां' सामने आई हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह जब पहली क्लास का बच्चा दिव्यांश ककरोरा पानी की टंकी में गिरा हुआ था तो उसे निकालने की बजाय स्कूल का स्टाफ 'मूक दर्शक' की तरह खड़ा था। ऐसे में एक 11वीं क्लास का छात्र, दिव्यांश को बचाने के लिए टंकी में कूद पड़ा। 30 जनवरी को रेयान इंटरनेशन्ल स्कूल में एम्पीथिएटर के पास बनी एक टंकी में दिव्यांश की डूबकर मौत हो गई थी।
वसंत विहार एसडीएम सोनल स्वरूप ने बताया कि स्कूल की ओर से इस दुर्घटना के दौरान बरती गई लापरवाहियों को अनदेखा नहीं किया जा सकता। सरकार के पास जमा की गई इस रिपोर्ट में स्कूल के प्रशासन पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने जानबूझकर बच्चे के बारे में 'गलत जानकारी का अभियान' छेड़ रखा है। साथ ही बच्चे को 'स्पेशल चाइल्ड' की संज्ञा देकर उसकी कुछ अलग छवि दिखाने की कोशिश की गई है।
11वीं के छात्र का साहस
एसडीएम की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूल मैनेजमेंट द्वारा दुर्घटना की असल वजह को छुपाने के इरादे को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। बच्चे को ढूंढने में स्कूल प्रशासन अपना काम ठीक से नहीं कर पाया और स्विमिंग कोच ने भी टंकी से बच्चे को निकालने से मना कर दिया। सभी लोग मूक दर्शक बनकर खड़े हुए थे। तब 11वीं का छात्र प्रजवल सेहरावत अपनी जान की बाजी लगाकर पानी की टंकी में उतर गया।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा है कि कोई भी स्कूल इतना गैर जिम्मेदार कैसे हो सकता है और बच्चे की मौत से जुड़ी एसडीएम की रिपोर्ट को पढ़कर सख्त कार्यवाही की जाएगी। वहीं बच्चे के अभिभावक का आरोप है कि पुलिस की जांच में कई और पहलुओं को अनदेखा किया गया है मसलन इतना छोटा सा बच्चा टंकी के 20 किलो के ढक्कन को कैसे हटा सकता है।
पुलिस ने लापरवाही से हुई मौत का मामला दर्ज कर लिया है और स्कूल के प्रिंसिपल संध्या साबू समेत स्टाफ के चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी जमानत पर रिहा हैं। दिव्यांश के माता-पिता का आरोप है कि हो सकता है कि उनका बच्चा शोषण का शिकार भी हुआ हो। अभी तक पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट नहीं आई है लेकिन पुलिस सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया है कि बच्चे के शरीर पर किसी तरह की चोट के निशान नहीं हैं।
वसंत विहार एसडीएम सोनल स्वरूप ने बताया कि स्कूल की ओर से इस दुर्घटना के दौरान बरती गई लापरवाहियों को अनदेखा नहीं किया जा सकता। सरकार के पास जमा की गई इस रिपोर्ट में स्कूल के प्रशासन पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने जानबूझकर बच्चे के बारे में 'गलत जानकारी का अभियान' छेड़ रखा है। साथ ही बच्चे को 'स्पेशल चाइल्ड' की संज्ञा देकर उसकी कुछ अलग छवि दिखाने की कोशिश की गई है।
11वीं के छात्र का साहस
एसडीएम की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूल मैनेजमेंट द्वारा दुर्घटना की असल वजह को छुपाने के इरादे को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। बच्चे को ढूंढने में स्कूल प्रशासन अपना काम ठीक से नहीं कर पाया और स्विमिंग कोच ने भी टंकी से बच्चे को निकालने से मना कर दिया। सभी लोग मूक दर्शक बनकर खड़े हुए थे। तब 11वीं का छात्र प्रजवल सेहरावत अपनी जान की बाजी लगाकर पानी की टंकी में उतर गया।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा है कि कोई भी स्कूल इतना गैर जिम्मेदार कैसे हो सकता है और बच्चे की मौत से जुड़ी एसडीएम की रिपोर्ट को पढ़कर सख्त कार्यवाही की जाएगी। वहीं बच्चे के अभिभावक का आरोप है कि पुलिस की जांच में कई और पहलुओं को अनदेखा किया गया है मसलन इतना छोटा सा बच्चा टंकी के 20 किलो के ढक्कन को कैसे हटा सकता है।
पुलिस ने लापरवाही से हुई मौत का मामला दर्ज कर लिया है और स्कूल के प्रिंसिपल संध्या साबू समेत स्टाफ के चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी जमानत पर रिहा हैं। दिव्यांश के माता-पिता का आरोप है कि हो सकता है कि उनका बच्चा शोषण का शिकार भी हुआ हो। अभी तक पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट नहीं आई है लेकिन पुलिस सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया है कि बच्चे के शरीर पर किसी तरह की चोट के निशान नहीं हैं।
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