आम आदमी पार्टी ने विधायक अलका लांबा से उनकी विधायकी और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा मांगा है. सूत्रों के मुताबिक अलका लांबा इस बात पर अड़ी हुई थी कि 1984 में क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सिख विरोधी हिंसा को उचित ठहराते हुए कहा था कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है. इसलिए केंद्र सरकार से राजीव गांधी को दिए गए सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न को वापस लेने के लिए प्रस्ताव पास किया जाए. सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को जो कुछ हुआ वह आम आदमी पार्टी का आधिकारिक स्टैंड नहीं था और विधायकों की गलती से हुई चूक थी जबकि अलका लांबा इस पर अड़ी हुई थी लिहाजा पार्टी ने उनसे इस्तीफा मांग लिया.
आज @DelhiAssembly में प्रस्ताव लाया गया की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी को दिया गया भारत रत्न वापस लिया जाना चाहिये,
— Alka Lamba (@LambaAlka) December 21, 2018
मुझे मेरे भाषण में इसका समर्थन करने को कहा गया,जो मुझे मंजूर नही था,मैंने सदन से वॉक आउट किया।
अब इसकी जो सज़ा मिलेगी,मैं उसके लिये तैयार हूँ। pic.twitter.com/ykZ54XJSAv
क्या हुआ था दिल्ली विधानसभा में?
ब्लंडर शब्द का हिंदी अनुवाद खोजने में शायद वह घटना हल्की हो जाए जो शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में हुई इसलिए इस कहानी में अंग्रेजी का शब्द ब्लंडर सबसे उपयुक्त शब्द है. शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी ने एक ब्लंडर कर दिया. आम आदमी पार्टी के कब्जे वाली दिल्ली विधानसभा में भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को मिले भारत रत्न सम्मान को वापस लिए जाने की मांग केंद्र सरकार से करते हुए प्रस्ताव पास कर डाला. तिलक नगर से आम आदमी पार्टी विधायक जरनैल सिंह ने प्रस्ताव रखा कि '1984 कत्लेआम का औचित्य साबित करने वाले तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी जिन को भारत रत्न के सम्मान से नवाजा गया, केंद्र सरकार को उन का यह अवॉर्ड वापस लेना चाहिए.'
Jarnail Singh,AAP MLA: Delhi Assembly today declared 1984 anti-Sikh riots as worst genocide in the history of India's national capital. In a resolution that has been passed today we have demanded from the Centre that Bharat Ratna should be withdrawn from Former PM Rajiv Gandhi. pic.twitter.com/g9uskxBe36
— ANI (@ANI) December 21, 2018
आम आदमी पार्टी विधायक के इस प्रस्ताव का सदन में मौजूद हर सदस्य ने खड़े होकर समर्थन किया जिसमें खुद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल शामिल थे. कुछ ही देर में कांग्रेस की तरफ से प्रतिक्रिया आई. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने ट्वीट कर कहा कि ''श्री राजीव गांधी ने अपना जीवन देश के लिए त्याग दिया. 'आप' का असली रंग खुलकर सामने आ गया. मेरा हमेशा मानना रहा है कि आप बीजेपी की बी टीम है. आप ने गोवा, पंजाब, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़ में उम्मीदवार केवल कांग्रेस के वोट काटकर बीजेपी की मदद के लिए उतारे.''
कुछ ही देर में आम आदमी पार्टी को अपनी गलती का एहसास हुआ. आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर सफाई दी और कहा कि 'सदस्यों को दिए संकल्प में दिवंगत राजीव गांधी के बारे में लाइन्स नहीं थीं. एक विधायक ने अपने हाथ से राजीव गांधी के बारे में प्रस्ताव जोड़ा/संशोधन किया. संशोधन इस तरह से पास नहीं हो सकते.'
Lines about Late Rajiv Gandhi were not part of resolution placed before house and distributed to the members.
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) December 21, 2018
One MLA in his handwriting proposed an addition/amendment about Late Rajiv Gandhi.
Amendments cannot be passed in this manner.
कुछ सवाल
1. जब स्पीकर की मौजूदगी में सभी सदस्यों ने राजीव गांधी से भारत रत्न सम्मान वापस लेने संबंधी प्रस्ताव का खड़े होकर समर्थन किया तो फिर अब आप विधायक सौरभ भारद्वाज पीछे क्यों हट रहे हैं?
2. प्रस्ताव पास हुआ या नहीं हुआ यह बात उसी समय विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ही बता सकते थे लेकिन वो भी उसी समय. सौरभ भारद्वाज के कहने से प्रस्ताव वापस नहीं होगा.
3. क्या आम आदमी पार्टी को लग रहा है कि उसने कुछ गलत कर दिया है जिसको अब ठीक करने की कोशिश की जा रही है?
असल में क्या हुआ?
यह बात सही है कि 1984 की सिख विरोधी हिंसा पर जो संकल्प विधायक जरनैल सिंह ने पेश किया उसमें टाइप हुई लाइनों में राजीव गांधी और भारत रत्न का जिक्र नहीं था और विधायक सोमनाथ भारती ने बाद में पेन से उसमें राजीव गांधी और भारत रत्न संबंधित लाइनें जोड़ दी. लेकिन विधायक जरनैल सिंह ने संकल्प पूरा पढ़ा जिसमें केंद्र सरकार से राजीव गांधी को दिया भारत रत्न सम्मान वापस लेने की मांग की गई थी. और इस मांग का स्पीकर समेत सभी मौजूद सदस्यों ने खड़े होकर समर्थन किया और प्रस्ताव पास किया.
इसके बाद विधायक जरनैल सिंह ने सदन के बाहर आकर मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'उन जख्मों पर मरहम लगाने के लिए जो तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने दिए थे, जिन्होंने यह कहा था कि जब जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है. इसको उचित साबित करने की कोशिश की इसको जस्टिफाई किया गया कि यह तो होता ही है, ऐसे आदमी से केंद्र सरकार भारत रत्न वापस लेने की कार्रवाई करे.'
आम आदमी पार्टी को कुछ देर बाद इस गलती का एहसास हुआ होगा क्योंकि
1. राजीव गांधी अब इस दुनिया में नहीं हैं, 1991 में उनकी हत्या कर दी गई थी.
2. 1984 की हिंसा के लिए कांग्रेस नेताओं या एक वर्ग में कांग्रेस से नाराजगी स्वाभाविक तौर पर रही है लेकिन राजीव गांधी से उस तरह की नाराज़गी नहीं रही.
3. हालांकि राजीव गांधी ने अपनी मां पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुई हिंसा के बारे में कहा था कि 'जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है' लेकिन हिंसा के लिए राजीव गांधी को ज़िम्मेदार नहीं माना जाता.
4. चर्चा है कि बीजेपी के खिलाफ आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए गठबंधन हो सकता है. ऐसे में दिवंगत राजीव गांधी पर हमला बोलने से दोनों पार्टियों के रिश्ते खराब ही होंगे.
विपक्ष का हमला
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी पर हमला बोलते हुए ट्वीट कर कहा, 'दिल्ली विधान सभा में सतारूढ़ दल आम आदमी पार्टी ने 1984 मे सिखों के नरसंहार मामले में प्रस्ताव पारित किया कि "राजीव गांधी का भारत रत्न वापस लिया जाये." लेकिन 'AAP' नेता सफ़ाई दे रहे हैं क्योंकि कांग्रेस से तो एक तरफ़ चुनाव में समझौता करना है और दूसरी तरफ़ यह प्रस्ताव पास कर दिया.'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं