आम आदमी पार्टी ने दिल्ली मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्रा योजना के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने वाले 'मेट्रो मैन' ई. श्रीधरन (E. Sreedharan) को जवाब दिया है. आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम ई. श्रीधरन के विचार का स्वागत करते हैं. लोकतंत्र में ऐसे विचार आने चाहिए. श्रीधरन जी की चिंता है कि महिलाओं के मुफ्त यात्रा करने से मेट्रो अक्षम होगी और उसको नुकसान होगा. मैं ई श्रीधरन जी को बताना चाहता हूं कि दिल्ली मेट्रो को एक रुपये का भी नुकसान नहीं होगा. जितना किराया महिलाओं का लगता है, दिल्ली सरकार उतना पैसा मेट्रो को देगी.उनकी दूसरी चिंता है कि मेट्रो के अंदर जो महिलाएं फ्री में सफर करेंगी, उनको सरकार सीधा पैसा दे दे. इसके अंदर बहुत सारी प्रैक्टिकल समस्याएं हैं जैसे कि सरकार यह कैसे पता लगाएगी कि कौन महिला कहां तक सफर करेगी. कितने दिन सफर करेगी. मेट्रो से सफर करेंगी या बस से सफर करेगी और उनका कितना पैसा खर्चा होगा.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह सुनिश्चित करना कि जिन महिलाओं को हम यात्रा करने के लिए पैसे दे रहे हैं वह राशन के लिए या घर के किसी और काम के लिए ना हो यह सुनिश्चित करना बहुत मुश्किल है. क्योंकि सरकार किसी को पैसे की मदद करने के लिए यह योजना नहीं चला रही. पैसे की मदद के लिए सरकार के पास और बहुत सारी योजनाएं हैं. जैसे-पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना डाइवोर्स ले चुकी महिलाओं के लिए योजना, वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन की योजना. इस योजना का मकसद पैसा देना नहीं है इसका मकसद है पब्लिक ट्रांसपोर्ट में पब्लिक स्पेस में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना. मुफ्त सफर होने के कारण बहुत सारी महिलाएं मेट्रो में और बसों में सफर करेंगी.
आपको बता दें कि दिल्ली मेट्रो के पूर्व प्रमुख और मेट्रो मैन के नाम से मशहूर ई. श्रीधरन (E. Sreedharan) ने अरविंद केजरीवाल सरकार की महिलाओं को मेट्रो में मुफ्त यात्रा की योजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. 10 जून को लिखी गई चिट्ठी में श्रीधरन ने पीएम मोदी से कहा है, 'दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर सहमत न हों. जब मेट्रो शुरू हुई थी तब यह निर्णय लिया गया था कि किसी को भी यात्रा के लिए मेट्रो में रियायत नहीं दी जाएगी. इस फैसले का स्वागत खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था और उन्होंने खुद टिकट लेकर दिसंबर 2002 में शाहदरा से कश्मीरी गेट तक पहली यात्रा की थी. दिल्ली मेट्रो केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार का जॉइंट वेंचर है. कोई एक हिस्सेदार समाज के किसी एक हिस्से को रियायत देने का एकतरफा निर्णय नहीं ले सकता है'.
VIDEO : दिल्ली में महिलाओं के लिए मुफ्त ट्रांसपोर्ट
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